- रोहित शर्मा ने रविचंद्रन अश्विन को बताया महान गेंदबाज
- रोहित ने कहा समय के साथ अश्विन होते जा रहे हैं बेहतर
- लगातार कर रहे हैं टीम इंडिया के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन
मोहाली: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की समय के साथ बेहतर होने की काबिलियत से काफी हैरान हैं और रविवार को हासिल की गयी उपलब्धि के बाद उन्होंने उन्हें ‘सर्वकालिक महान’ गेंदबाज भी करार दिया।
अश्विन ने तोड़ा 434 विकेट का कपिल देव का रिकॉर्ड
कपिल देव के 434 विकेट को पीछे छोड़कर देश के सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बने अश्विन ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में 96 रन देकर छह विकेट चटकाये जिससे उनके कुल 436 विकेट हो गये हैं। रोहित से जब अश्विन की महज 85 टेस्ट में हासिल की गयी उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'इस उपलब्धि को हासिल करना उनके क्रिकेट करियर में बड़ी चीज है।'
होते जा रहे हैं बेहतर से बेहतर
उन्होंने कहा, 'जब आप टेस्ट क्रिकेट खेलने की चाहत के साथ बड़े होते हो तो आप इन चीजों के बारे में सपना नहीं देखते इसलिये इसे हासिल करना उसके लिये एक बड़ी उपलब्धि है। मैं लंबे समय से अश्विन को खेलते हुए देख रहा हूं और जब भी मैं उसे देखता हूं, वह बेहतर से बेहतर होता ही दिखता है। अश्विन एक ऐसा खिलाड़ी है जिसे हमेशा अपनी काबिलियत पर भरोसा रहता है।' अश्विन विश्व क्रिकेट रैंकिंग में शीर्ष 10 में नौंवे नंबर पर काबिज हैं और रोहित की निगाह में वह सर्वकालिक महान गेंदबाज हैं।
लगातार कर रहे हैं मैच जिताऊ प्रदर्शन
उन्होंने कहा, 'मेरी निगाह में वह सर्वकालिक महान खिलाड़ी है। वह इतने वर्षों से खेल रहा है और देश के लिये प्रदर्शन कर रहा है। इतनी बार मैचों में जीत दिलाने वाला प्रदर्शन, इसलिये वह मेरे लिये सर्वकालिक महान खिलाड़ी है। लोगों के अलग अलग विचार हो सकते हैं लेकिन जहां से मैं देखता हूं, वह मेरे लिये एक सर्वकालिक महान खिलाड़ी है।'
विदेश दौरों पर क्यों रहते हैं एकादश से बाहर?
तो अश्विन को विदेशी दौरों पर अंतिम एकादश में नियमित रूप से क्यों नहीं चुना जाता तो इस पर रोहित ने कहा, 'सचमुच, विदेशी दौरों पर टीम में स्थान के बारे में आपको कुछ नहीं कह सकता कि वह टीम में क्यों नहीं होता और अंतिम एकादश में क्यों नहीं होता।'
उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से मुझ इस बारे में नहीं पता क्योंकि मैं उस समय चयन का हिस्सा नहीं था और मैं आपको नहीं बता सकता कि क्या हुआ और उसे बाहर क्यों रखा गया और वह क्यों नहीं खेला और इसी तरह की बातें।'