- पॉन्टिंग का लगातार सबसे ज्यादा मैच में जीत के रिकॉर्ड की बराबरी से चूके रोहित शर्मा
- पॉन्टिंग मे साल 2003 में जीते थे लगातार 20 अंतरराष्ट्रीय मैच, 19 मैच के बाद थमा रोहित की कप्तानी में जीत का सिलसिला
- पहली बार फुल टाइम कप्तान के रूप में विरोधी टीम का रोहित की टीम नहीं कर पाई सूपड़ा साफ
नॉटिंघम: रोहित शर्मा टीम इंडिया के कप्तान के रूप में लगातार जीत का सिलसिला रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में थम गया। हिटमैन इस हार के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग के 20 मैच जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी करने से चूक गए। रोहित अपनी कप्तान में लगातार 19 मैच में जीत हासिल कर सके। पॉन्टिंग ने साल 2003 में लगातार 20 मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई थी। वहीं रोहित साल 2019 से लेकर 2022 तक लगातार 19 मैच जीत सके।
न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई थी विजय अभियान की शुरुआत
टीम इंडिया का फुल टाइम कप्तान बनने के बाद पहली बार रोहित की कप्तानी में भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है। नवंबर 2021 में टीम की कप्तानी संभालने के बाद से रोहित शर्मी की कप्तानी में टीम इंडिया लगातार सीरीज में विरोधी टीमों का सूपड़ा साफ करती आ रही थी। रोहित की कप्तानी में जीत के सिलसिले की शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज में 3-0 के अंतर से जीत के साथ हुई थी।
पहली बार नहीं हुआ विरोधी टीम का सूपड़ा साफ
इसके बाद भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को वनडे और टी20 सीरीज में अपने घर पर 3-0 से मात दी थी। विंडीज के बाद श्रीलंका को रोहित सेना ने घरेलू टी20 सीरीज में 3-0 से और टेस्ट सीरीज में 2-0 से मात दी थी। मार्च 20122 के बाद से रोहित ने टीम इंडिया के लिए विभिन्न कारणों से एक भी मैच नहीं खेला। लेकिन जैसे ही वो टीम में लौटे और कमान सभाली टीम वापस जीत की पटरी पर लौट आई और इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैच की सीरीज शुरुआती दो मैच में ही 2-0 से अपने नाम कर ली थी। अंतिम मैच में टीम इंडिया जीत नहीं हासिल कर सकी। इसके साथ ही रोहित की कप्तानी में लगातार छठी सीरीज में विरोधी टीम का सूपड़ा साफ नहीं हो सका।
लगातार 14 टी20 मुकाबलो में जीत
रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय टी20 में लगातार 14 मैच में जीत का सिलसिला भी रविवार को थम गया। विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद रोहित केवल एक जीत के साथ सुधार करके इसे 14 तक ले गए। इस मुकाम तक उनसे पहले दुनिया का और कोई टी20 कप्तान नहीं पहुंच सका।