- पूर्व भारतीय कोच गैरी कर्स्टन ने सचिन तेंदुलकर के बारे में किया बड़ा खुलासा
- कर्स्टन ने कह कि 2008 में तेंदुलकर अपने क्रिकेट का आनंद नहीं उठा रहे थे
- कर्स्टन ने बताया कि कैसे उन्होंने सचिन तेंदुलकर को खेल जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने हाल ही में खुलासा किया कि महान सचिन तेंदुलकर ने उस समय खेल से दूरी बनाने का फैसला कर लिया था जब कोच की भूमिका के लिए 2008 में दक्षिण अफ्रीका भारत आए थे। पूर्व दक्षिण अफ्रीकी ओपनर ने कहा कि तेंदुलकर अपने क्रिकेट का आनंद नहीं उठा रहे थे और पूर्व भारतीय कप्तान ने संन्यास लेने का मन बना लिया था। टॉकस्पोर्ट्स के पॉडकास्ट में गैरी कर्स्टन ने भारतीय टीम के हेड कोच रहते हुए अपनी योजनाओं का खुलासा किया और बताया कि ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के लिए कैसा माहौल तैयार किया।
सचिन तेंदुलकर के बारे में पूछने पर कर्स्टन ने कहा, 'अगर मैं उस समय के सचिन तेंदुलकर की बात करू, जब मैं भारत आया, तो वो संन्यास लेने का मन बना चुके थे। उनके मुताबिक वह अपने क्रम पर बल्लेबाजी नहीं कर रहे थे, वह अपने क्रिकेट का बिलकुल भी आनंद नहीं उठा रहे थे। तीन साल बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 शतक जमाए। वह उस क्रम पर खेले, जहां पसंद करते थे और हम विश्व कप जीते।'
कर्स्टन ने साथ ही कहा कि मास्टर ब्लास्टर के साथ उनकी कोचिंग यात्रा शानदार रही। उन्होंने कहा, 'मेरी सचिन तेंदुलकर के साथ कोचिंग यात्रा शानदार रही। मुझे पता चला कि आधुनिक कोचिंग किस प्रकार करनी है। आपको असल में खिलाड़ियों की क्षमता के अनुसार उन्हें सुविधा मुहैया कराना होगी ताकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।'
तेंदुलकर की किस तरह कर्स्टन ने की मदद
गैरी कर्स्टन ने बताया कि उन्होंने ऐसा क्या अलग किया कि भारतीय खिलाड़ियों को अपनी क्षमता के शिखर पर पहुंचने में मदद मिली। कर्स्टन ने कहा, 'मैंने सिर्फ यही किया कि खिलाड़ियों को ऐसा माहौल दिया जाए कि वह प्रदर्शन करने को बेकरार हो। मैंने सचिन तेंदुलकर से कुछ नहीं कहा। उन्हें खेल पता है, लेकिन उन्हें सिर्फ माहौल की जरूरत थी। सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि पूरी टीम को। ऐसा माहौल जहां सब अपने-अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।'
कर्स्टन ने टीम को सदमे से उबारा
जब ग्रेग चैपल का बतौर हेड कोच कार्यकाल समाप्त हुआ तो भारतीय टीम गहरे तूफान में फंसी हुई थी। गैरी कर्स्टन ने खिलाड़ियों को वहां से निकाला और तैयार किया। इस बारे में भी उन्होंने पॉडकास्ट में बात की। कर्स्टन के आने के बाद भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 2011 विश्व कप का खिताब जीता। पूर्व ओपनर की तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी के साथ केमिस्ट्री खूब जमी और इसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम की कोचिंग भी की।