- साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर मुल्तान में सहवाग ने जड़ा था तिहरा शतक
- सहवाग ने सचिन के साथ मिलकर पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर की थी धुनाई
- 375 गेंद पर 309 रन की पारी के दौरान सहवाग ने जड़े थे 39 चौके और 6 छक्के, सकलैन की गेंद पर छक्का जड़कर पूरा किया था तिहरा शतक
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की प्रतिद्वंद्विता सात दशक पूरानी है। 1947 में बटवारे के बाद से ही दोनों देशों के बीच क्रिकेट के मैदान पर कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी। दोनों ही देशों के खिलाड़ियों ने एक दूसरे के खिलाफ हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। एक तरफ पाकिस्तानी गेंदबाजों का कहर दिखा तो दूसरे तरफ भारतीय बल्लेबाजों के बल्ले का दबदबा। ऐसे में सकलैन मुश्ताक के सचिन तेंदुलकर की चेन्नई में खेली 136 रन की पारी को मुल्तान में वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक से बेहतर बताया है।
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने शुक्रवार को कहा कि वो साल 1999 में सचिन तेंदुलकर की पाकिस्तान के खिलाफ खेली 136 रन की पारी को वीरेंद्र सहवाह की 309 रन की पारी से बेहतर बताया है। सकलैन 1999 में खेले गए चेन्नई टेस्ट और 2004 में मुलतान में खेले गए टेस्ट मैच में पाकिस्तानी टीम का हिस्सा थे।
मुल्तान में दोनों टीमों के बीच नहीं दिखी थी भिड़ंत
सकलैन ने इस बारे में कहा, मैं सचिन तेंदुलकर की चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में बनाए महज 130 रन की पारी को वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक से बेहतर मानता हूं क्योंकि हम उस दौरान हम पूरी तैयारी के साथ गए थे। वहां दोनों टीमों के बीच जंग या कहें लड़ाई हो रही थी। मैं वीरेंद्र सहवाह के तिहरे शतक को बहुत बेहतरीन नहीं मानता हूं क्योंकि मुल्तान में परिस्थितयां बल्लेबाजी के अनुकूल थीं।
साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर वीरेंद्र सहवाग तिहरा शतक जड़कर 'मुल्तान का सुल्तान' बने थे। ये टेस्ट क्रिकेट इतिहास में किसी भी भारतीय बल्लेबाज के बल्ले से निकला पहला तिहरा शतक था और ये कारनामा उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ उसके ही घर में कर दिखाया था। सहवाग ने सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का जड़कर ही तिहरा शतक पूरा किया था।
सकलैन ने कहा, मुल्तान में दोनों टीमों के बीच कोई जंग नहीं दिखी थी। सहवाग ने मैच की पहली पारी में तिहरा शतक जड़ था न कि दूसरी पारी में। वो पहली पारी थी और पहले दिन की पिच में कोई तैयारी नहीं थी। उनके माता पिता के या उनके अच्छे कर्मों का नतीजा था कि वो तिहरा शतक जड़ने में सफल हुए थे।
सपाट विकेट पर सहवाग ने जड़ा था तिहरा शतक
सकलैन ने आगे कहा, स्थितियां उनके अनुकूल बन गई थीं और प्रकृति भी उनके ऊपर मेहरबान थी। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि वो अच्छे खिलाड़ी नहीं थे। वो एक महान और शानदार खिलाड़ी हैं। इसलिए नहीं कि मैं उस मैच के दौरान मैं और शोएब अख्तर चोटिल हो गए थे। विकेट सपाट था, गेंदबाजों के लिए स्थितियां कठिन थीं और पूरी गेंदबाजी यूनिट धराशाई हो गई थी। बोर्ड के साथ परेशानी थी। इंजमाम उल हक को दुर्घटनावश कप्तान बना दिया गया था जबकि उससे पहले कोई और कप्तान था।
पाकिस्तानी टीम ने नहीं की थी अच्छी तैयारी
सकलैन ने आगे कहा, बहुत सारी चीजें एक साथ बदल रही थीं। खिलाड़ियों का दिमाग स्थिर नहीं था और न ही वो अपना ध्यान केंद्रित कर पा रहे थे। टीम की तैयारी भी अच्छी नहीं थी। जब एशेज सीरीज होती है तब वो एक साल पहले से इसके लिए तैयारी करते हैं और हम भारत के खिलाफ सीरीज खेलने जा रहे थे और इसके लिए हमारी योजना तैयार नहीं थी कोई तैयारी नहीं थी। सहवाग बेहद विध्वंसक और आक्रामक खिलाड़ी हैं लेकिन मैं उनके उस तिहरे शतक को बहुत अच्छा नहीं मानता हूं। मैं तो यही कहूंगा कि वो शतक उन्हें थाली में परोसा हुआ मिल गया। उन्होंने बहुत सारी शानदार पारियां खेली हैं। आपके मजा तब आता है जब आपकी तैयारी अच्छी हो और बॉलिंग यूनिट अच्छी तरह काम कर रही हो। साथ ही बल्लेबाजों के लिए स्थितियां थोड़ी कठिन हों।'
मुल्तान में सकलैन की हुई थी जमकर धुनाई
जिस पारी में सहवाग ने तिहरा शतक जड़ा था उसमें सकलैन मुश्ताक ने 43 ओवर गेंदबाजी की थी और इस दौरान 204 रन खर्च करके केवल आकाश चोपड़ा का विकेट हासिल कर सके थे। इस मैच में भारतीय टीम ने पारी और 52 रन के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। भारत के 675/5 रन के जवाब में पाकिस्तानी टीम दोनों पारियों में 407 और 216 रन बनाकर ढेर हो गई थी।