- गांगुली की नेतृत्व में बीसीसीआई में स्थापित होगी संचालन की नई व्यवस्था
- अजहर की कप्तानी में साल 1996 में गांगुली ने किया था टेस्ट डेब्यू
- हाल ही में अजहर भी चुने गए हैं हैदराबाद क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष
हैदराबाद: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और हाल ही में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए मोहम्मद अजहरुद्दीन को सौरव गांगुली के बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुने जाने पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। गांगुली ने साल 1996 में लॉर्ड्स में अजहर की कप्तानी में ही टेस्ट डेब्यू किया था और अब 23 साल बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए हैं।
अजहर ने गांगुली के अध्यक्ष चुने जाने के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'वो इस पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे। इस पद के लिए वो सबसे सही उम्मीदवार हैं उनकी कार्यशैली और नजरिया भी इसके उपयुक्त है।'
56 वर्षाय अजहर ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि हर कोई बीसीसीआई के खोए सम्मान को पुनर्स्थापित करने के लिए उनके साथ खड़ा है। पिछले कुछ सालों में कई राज्य क्रिकेट संघों पर बुरा असर पड़ा है। मुझे विश्वास है कि गांगुली बीसीसीआई का संचालन उस तरीके से करेंगे जैसा कि होना चाहिए न कि उसी लापरवाह तरीके से जैसा कि अब तक होता रहा है। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में बीसीसीआई में संचालन की नई व्यवस्था स्थापित होगी।'
मैच फिक्सिंग मामले में आरोपों का सामना करने के बाद क्लिन चिट पाने वाले अजहर की बीसीसीआई की मुख्यधारा में 20 साल बाद वापसी हुई है। उन्होंने बीसीसीआई की बैठक में भाग लेने के अनुभव के बारे में कहा कि टीम के पुराने साथी खिलाड़ियों और बीसीसीआई पदाधिकारियों से मिलने का अनुभव हमेशा अच्छा होता है। उन्होंने कहा, बैठक का वातावरण बेहद अच्छा था, इस दौरान काफी सकारात्मक चर्चा हुई सबकी प्राथमिकता क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं है।'
अजहर ने कहा कि वर्तमान ने उनका पूरा फोकस एचसीए पर है। उन्होंने जो काम अपने हाथ में लिया है उसे किसी भी तरह पूरा करना उनका लक्ष्य है। मैं यहां एचसीए के अध्यक्ष के रूप में आया हूं और मुझे सभी सचिवों का समर्थन हासिल है। मुझे आगे भी उनके पूरे सहयोग और सुझावों की आवश्यक्ता होगी ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की जा सके। उन्होंने आगे कहा, अन्य राज्य क्रिकेट संघों की तरह उन्हें भी आशा है कि क्रिकेट के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए लिए बीसीसीआई सही समय पर फंड रिलीज करना सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने एक बार फिर इस बात पर जोर देते हुए कहा, वो हैदराबाद में क्रिकेट से जुड़े किसी भी मुद्दे और टीम चयन में किसी भी अभिभावक का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी भी एजग्रुप में चयन के लिए परेशान हुए बगैर लड़के लड़कियों को खेल का लुत्फ उठाने दें।