- श्रेयस अय्यर टीम इंडिया की जर्सी पहनकर कर रहे हैं लगातार अच्छा प्रदर्शन
- पिछले तीन टी20 मैच में 157 की औसत और 178 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं रन, जिसमें दो अर्धशतक हैं शामिल
- 44 गेंद में 74 रन की धमाकेदार मैच जिताऊ पारी खेलने के लिए चुने गए मैन ऑफ द मैच
धर्मशाला: युवा भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खेलने के जो भी मौके मिल रहे हैं वो उन्हें खाली नहीं जाने दे रहे हैं। शनिवार को धर्मशाला में उन्होंने 44 गेंद में 74 रन की नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया की 7 विकेट से जीत में अहम भूमिका अदा की। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। ये सीरीज में उनका लगातार दूसरा अर्धशतक था।
वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में खेली गई टी20 सीरीज के शुरुआत दो मैचों में वो अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन तीसरे मैच और श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए विराट कोहली और ऋषभ पंत को आराम दिया गया। इसके बाद ही उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल होने का मौका मिला।
वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती मैचों में नहीं मिला मौका
विंडीज के खिलाफ तीसरे टी20 में श्रेयस ने 16 गेंद में 25 रन की पारी खेल सके थे। लेकिन श्रीलंका के खिलाफ लखनऊ में खेले गए सीरीज के पहले टी20 में श्रेयस ने 28 गेंद में 5 चौके और 2 छक्के की मदद से नाबाद 57 रन जड़ दिए। उनके शानदार फॉर्म का सिलसिला धर्मशाला में दूसरे मैच में भी जारी रहा और श्रेयस ने इस बार 44 गेंद में 6 चौके और 4 छक्के की मदद से नाबाद 74 रन जड़ दिए। यह अंतरराष्ट्रीय टी20 में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। श्रीलंका के खिलाफ अबतक खेले दो मैच में वो एक बार भी आउट नहीं हुए हैं।
तीन मैच में बनाए हैं 157 के औसत और 178 के स्ट्राइक रेट से रन
अय्यर के ऐसे शानदार प्रदर्शन की वजह से भारतीय टीम मैनेजमेंट धर्म संकट में पड़ गया है। पिछले तीन मैच की तीन पारियों में (25, 57*, 74*) उन्होंने 157 रन 88 गेंद का सामना करते हुए 157 के शानदार औसत और 178 के स्ट्राइक रेट के साथ बनाए हैं। जिसमें दो अर्धशतक भी शामिल हैं। ऐसा प्रदर्शन इन तीन मैचों में और कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं कर सका है। शनिवार को श्रीलंका के खिलाफ श्रेयस को मैन ऑफ द मैच चुना गया। ऐसे में लंबे समय तक उन्हें एकादश से बाहर रखना टीम मैनेजमेंट के लिए आसान नहीं होगा।
चुने गए मैन ऑफ द मैच
मैन ऑफ द मैच चुने जाने के बाद शनिवार को श्रेयस अय्यर ने कहा, मेरे लिए गेंद को टाइम करके खेलना अहम था क्योंकि गेंद सीम और स्विंग दोनों हो रही थी, हमने देखा की ईशान गेंदबाजों की धुनाई अच्छी तरह कर रहा था लेकिन वो दुर्भाग्यशाली रहा और आउट हो गया। ईशान के बाद संजू मैदान में आया और उसने मेरा साथ दिया, यह साझेदारी हमें बड़े स्कोर तक पहुंचाने में अहम रही, लेकिन 12वें ओवर के बाद जड्डू भाई आए और मैच को जीत की ओर खींचकर ले गए। मैंने लहिरू कुमारा की तेज गेंदबाजी पर ध्यान नहीं दिया केवल अपने खेल पर मैं फोकस कर रहा था और तत्कालीन परिस्थितियों के बारे में सोच रहा था।