- स्मृति मंधाना ने पहले वनडे की जीत झूलन गोस्वामी को समर्पित की
- मंधाना ने कहा कि भारतीय टीम जो भी करेगी वो झूलन गोस्वामी के लिए होगा
- मंधाना ने 99 गेंदों में 91 रन की पारी खेलकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई
होव: भारत की पहले वनडे में इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी जीत की सूत्रधार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने कहा कि उनकी टीम दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को शानदार विदाई देना चाहती है जो तीन मैचों की इस सीरीज के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगी। झूलन ने 20 साल के अपने करियर में भारत की तरफ से 12 टेस्ट (44 विकेट), 202 वनडे (253 विकेट) और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच (56 विकेट) खेले हैं।
पहले वनडे में 99 गेंदों पर 91 रन बनाकर भारत को सात विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली मंधाना ने मैच के बाद कहा, 'मैं कहना चाहती हूं कि यह सीरीज झुलु दी (झूलन गोस्वामी) के नाम है। उनकी गेंदबाजी शानदार रही। इस सीरीज में हमारे सारे प्रयास झुलु दी के लिए होंगे।' गोस्वामी ने 10 ओवर में 20 रन देकर एक विकेट लिया। उनकी किफायती गेंदबाजी के कारण भारत ने इंग्लैंड को सात विकेट पर 227 रन पर रोक दिया था। मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनी गई मंधाना ने स्वीकार किया कि टी20 की तुलना में वनडे में वह अधिक नैसर्गिक बल्लेबाजी करती हैं।
उन्होंने कहा, 'वनडे मेरे लिए अधिक नैसर्गिक है। टी20 में मुझे स्ट्राइक रेट बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होते हैं। मुझे खुशी है कि मैंने टीम के लिए अच्छी नींव रखी।' मंधाना ने कहा कि अगर वह नाबाद रहती तो उन्हें अधिक खुशी होती। भारत जब लक्ष्य से 30 रन पीछे था तब मंधाना आउट हो गई थी।
मंधाना ने कहा, 'मैं खुश थी कि हरमन (हरमनप्रीत कौर) ने टॉस जीता। मैंने इंग्लैंड की पारी में पिच का आकलन किया और खुद से कहा कि बैक फुट पर कम खेलना है, लेकिन में स्वयं को बड़ी देर तक नहीं रोक पाई।' भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने सामूहिक प्रयास के लिए टीम की सराहना की। हरमनप्रीत ने कहा, 'हम सभी ने जज्बा दिखाया जिसकी हमने टीम बैठक में चर्चा की थी। टॉस जीतना महत्वपूर्ण रहा तथा झूलन और मेघना की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया। सभी गेंदबाजों को श्रेय जाता है। स्मृति और यास्तिका (भाटिया) के बीच साझेदारी शानदार रही। हमें यह लय बरकरार रहने की उम्मीद है। मैं पूरी टीम को जीत का श्रेय देती हूं।'