- 9 मार्च को सौराष्ट्र और बंगाल के बीच रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला
- रवींद्र जडेजा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 12 मार्च से शुरू हो रही वनडे सीरीज की टीम का हिस्सा
- गांगुली ने सौराष्ट्र क्रिकेट बोर्ड के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा देश पहले
कोलकाता: बंगाल और सौराष्ट्र की टीमों के बीच 9 मार्च से खेले जाने वाले रणजी ट्रॉफी फाइनल खेला जाएगा। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ न्यूजीलैंड दौरे पर गए इन टीमों के खिलाड़ियों के फाइनल मुकाबले में खिताबी जीत के लिए मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही थी। माना जा रहा था कि बंगाल के लिए रिद्धिमान साहा और सौराष्ट्र के लिए चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा फाइनल में खेल सकते हैं। लेकिन बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को फाइनल में खेलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। जबकि साहा और पुजारा इस मुकाबले में खेलते नजर आएंगे।
गांगुली ने कहा 'देश पहले'
सौरव गांगुली के जडेजा को ना कहने की वजह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 12 मार्च से शुरू हो रही 3 मैचों की वनडे सीरीज है। जडेजा भारतीय वनडे टीम के सदस्य हैं और कई सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिए जाने की वजह से भी टीम को संतुलित बनाए रखने के लिए जडेजा का टीम में शामिल रहना जरूरी है।सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जयदेव शाह ने गांगुली से जडेजा का फाइनल में खेलने देने की अनुमति मांगी थी लेकिन गांगुली ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। सौराष्ट्र के अध्यक्ष जयदेव शाह ने कहा, मेरी इस बारे में गांगुली से बात हुई और उन्होंने कहा कि बोर्ड जडेजा का रणजी फाइनल खेलने की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि देश पहले आता है।'
आईपीएल की तरह रणजी फाइनल को मिले विंडो
शाह ने ये भी सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय मैचों का कार्यक्रम रणजी ट्रॉफी फाइनल की तारीख को नहीं तय किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके संदर्भ में बीसीसीआई की आईपीएल की नीति का हवाला देते हुए कहा, यदि बीसीसीआई चाहता है कि लोग उसके सर्वोच्च घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल देखने मैदान पर आएं तो मेरा ये सुझाव है कि बीसीसीआई को इस दौरान भारत के मैच नहीं रखने चाहिए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा क्या बीसीसीआई आईपीएल के दौरान अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजिन करेगी? नहीं क्योंकि ये पैसा कमाकर देता है। रणजी ट्रॉफी को लोकप्रिय तभी बनाया जा सकता है जब इसमें स्टार खिलाड़ी लोगों को खेलते दिखाई दें कम से कम फाइनल में। फाइनल के दिन तो कम से कम कोई अंतरराष्ट्रीय मैच न रखा जाए और उसे अलग विंडो दी जाए।