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भारतीय क्रिकेट के 'दादा' बने Sourav Ganguly, संभाला BCCI अध्यक्ष का पद

Updated Oct 23, 2019 | 13:16 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) बुधवार को आधिकारिक रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्‍यक्ष बन गए हैं। बीसीसीआई की सालाना बैठक एजीएम में गांगुली को अध्‍यक्ष पद की जिम्‍मेदारी सौंपी गई।

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सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्‍यक्ष
मुख्य बातें
  • सौरव गांगुली बने बीसीसीआई के 39वें अध्‍यक्ष
  • बीसीसीआई की सालाना बैठक एजीएम में गांगुली को जिम्‍मेदारी सौंपी गई
  • सौरव गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का होगा, सीओए के 33 महीने का कार्यकाल समाप्‍त

मुंबई: टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली बुधवार को आधिकारिक रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्‍यक्ष बन गए हैं। बीसीसीआई की सालाना बैठक एजीएम में गांगुली को अध्‍यक्ष पद की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर गांगुली के बोर्ड अध्‍यक्ष बनने की घोषणा की। बीसीसीआई ने गांगुली के जिम्‍मेदारी संभालने की फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'आधिकारिक रूप से सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्‍यक्ष चुने गए।'

ध्‍यान हो कि बीसीसीआई चुनाव आज होना थे, लेकिन पिछले सप्‍ताह की स्‍पष्‍ट हो गया था कि सौरव गांगुली अगले अध्‍यक्ष बनेंगे और उनकी टीम भी तब तय हो गई थी। ऐसे में बुधवार को औपचारिक रूप से गांगुली और उनकी टीम को कार्यभार सौंपा गया।

मौजूदा कैब अध्‍यक्ष का कार्यकाल 9 महीने का होगा। गांगुली के अध्‍यक्ष बनते ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के 33 महीने का कार्यकाल भी समाप्‍त हो गया। गांगुली की टीम में अमित शाह के बेटे जय को सचिव बनाया गया है।

गांगुली निर्विरोध बीसीसीआई अध्‍यक्ष बने। उत्‍तराखंड के महिम वर्मा नए उपाध्‍यक्ष बने। बीसीसीआई के पूर्व अध्‍यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल बोर्ड के कोषाध्‍यक्ष बने जबकि केरल के जयेश जॉर्ज ने संयुक्‍त सचिव पद की जिम्‍मेदारी संभाली। 

हालांकि, गांगुली का कार्यकाल महज 9 महीने का होगा क्‍योंकि अगले साल उनका कूलिंग ऑफ पीरियड होगा। दरअसल, नए संविधान के प्रावधान के मुताबिक एक प्रशासनिक अधिकारी 6 साल तक अपनी सेवाएं बोर्ड को दे सकता है। गांगुली पिछले पांच साल से बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) अध्‍यक्ष हैं।

गांगुली ने कुछ लक्ष्‍य निर्धारित कर रखे हैं। इसमें प्रथम श्रेणी क्रिकेट पर ध्‍यान लगाना और प्रशासन को दोबारा आकार देना प्रमुख है। इसके अलावा आईसीसी में भारत की पोजीशन को मजबूत करना भी एक पक्ष है।

पूर्व कप्‍तान ने पिछले सप्‍ताह कहा था, 'मेरे पास कुछ अच्‍छा करने के लिए शानदार मौका है।' 9 महीने के कार्यकाल काफी छोटा है और इसमें यह भी देखना रोचक होगा कि पूर्व कप्‍तान कैसे डिस्‍क्‍वालीफाई हो चुके पूर्व दिग्‍गजों एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह को संभालते हैं, जिनके बच्‍चे आधिकारिक रूप से बीसीसीआई का हिस्‍सा बने हैं। श्रीनिवासन के करीबी आईपीएल चेयरमैन बने ब्रजेश पटेल के साथ गांगुली के रिश्‍ते भी देखना रोचक होगा।

इसके अलावा गांगुली की क्रिकेट रणनीति में दख्‍लअंदाजी, महेंद्र सिंह धोनी का अंतरराष्‍ट्रीय भविष्‍य, डे-नाईट टेस्‍ट क्रिकेट, स्‍थायी टेस्‍ट सेंटर्स पर भी ध्‍यान होगा। गांगुली के लिए यह कार्यकाल काफी कड़ा बीतने वाला है, लेकिन बंगाल टाइगर की लीडरशिप स्किल को जानते हुए फैंस को उम्‍मीद है कि वह बोर्ड की छवि साफ करते हुए दोबारा देश में क्रिकेट की दीवानगी बढ़ाने में कामयाब होंगे।

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