- केबीसी में अमिताभ बच्चन की सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग के साथ मस्ती भरी बातें
- कौन बनेगा करोड़पति के स्पेशल एपिसोड में वीरू और दादा ने नेटवेस्ट सीरीज 2002 फाइनल के किस्से बताए
- दादा ने बताया सहवाग के साथ क्या होती थी उनकी रणनीति और कैसे अपनी मर्जी के मालिक थे वीरू
Sourav Ganguly and Virender Sehwag in KBC: भारतीय क्रिकेट इतिहास के दो बड़े नाम- पूर्व कप्तान व मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और पूर्व धमाकेदार ओपनर वीरेंद्र सहवाग। ये दोनों कौन बनेगा करोड़पति के खास सेलेब्रिटी एपिसोड का हिस्सा बने जहां उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ कई दिलचस्प बातें भी कीं। दोनों पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के परिवार के लिए केबीसी का हिस्सा बने थे। इस एपिसोड में दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने 2002 के यादगार नेटवेस्ट सीरीज फाइनल का जिक्र आते ही वीरेंद्र सहवाग के बारे में कुछ ऐसे खुलासे किए जिसने सबको खूब हंसाया।
भारत और इंग्लैंड के बीच 2002 में लॉर्ड्स के मैदान पर नेटवेस्ट वनडे सीरीज का फाइनल मुकाबला खेला गया था। उस मुकाबले में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल जीता था। ये वही मुकाबला था जिसको जीतने के बाद लॉर्ड्स की बालकनी पर सौरव गांगुली शर्ट उतारकर उसे हवा में घुमाते नजर आए थे। मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह की जोड़ी ने भारत को रोमांचक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
दादा ने बताई उस दिन की ओपनिंग स्ट्रैटजी
उस यादगार फाइनल वनडे मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। इंग्लैंड के ओपनर मार्कस ट्रेसकॉथिक (109) और कप्तान नासिर हुसैन (115) ने शतकीय पारियां खेलीं जिससे इंग्लैंड ने 50 ओवर में 5 विकेट खोते हुए 325 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। जब भारत की बारी आई तो ओपनिंग करने के लिए वीरेंद्र सहवाग और भारतीय कप्तान सौरव गांगुली पिच पर उतरे। दादा ने कौन बनेगा करोड़पति के एपिसोड में अमिताभ बच्चन को बताया कि, "हमने काफी रणनीतियां बनाई थीं, लेकिन हम नर्वस थे।"
ये सुनता नहीं था, जड़ दिए 5 चौके
सौरव गांगुली ने उस दिन को याद करते हुए कहा, "जब हमने 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी जीती, सहवाग और मैं ओपनिंग करते थे, हम पिच पर गए और हमको 325 रन बनाने थे। तो मैंने सहवाग कि अब 15 ओवर फील्डर अंदर रहने वाले हैं इसलिए ज्यादा शॉट्स मत लगाना और वो मान भी गया। लेकिन पहली गेंद आई और उसने मिड-ऑन पर चौका जड़ दिया। मैं इससे कहा, देखो वीरू पहली गेंद पर 4 रन आ गए हैं अब सिंगल लेते हैं, हम इस ओवर में 8 रन बना लेंगे तो रन रेट बना रहेगा, वो फिर मान गया। फिर अगली गेंद आई और इसने मिड-ऑफ पर चौका जड़ दिया। तीसरी गेंद पर इसने फिर चौका जड़ा और उसके बाद मैं इसके पास नहीं गया। 6 बॉल में इसने 5 चौके जड़े। चौथा स्वीप था और पांचवां थर्ड मैन दिशा में। वो छठा चौका भी जड़ता लेकिन शायद उसको मुझ पर तरस आ गया।" दादा ने कहा वीरू किसी की सुनते नहीं थे।
रॉनी इरानी का वो ओवर
सौरव गांगुली जिस ओवर का जिक्र कर रहे थे वो लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया की पारी का 13वां ओवर था। इंग्लैंड के गेंदबाज रॉनी इरानी गेंदबाजी कर रहे थे। वीरू ने पांच नहीं लेकिन हां, इस ओवर में उन्होंने चार शानदार चौके जड़कर मैच का माहौल बदलकर रख दिया था। सहवाग ने इस ओवर की पहली तीनों गेंदों पर चौके जड़े। चौथी गेंद पर कोई रन नहीं गया, पांचवीं गेंद पर वीरू ने फिर चौका जड़ा और छठी गेंद पर कोई रन नहीं गया। इस ओवर में 16 रन आए। इस मैच में गांगुली ने 43 गेंदों में 60 रन की शानदार पारी खेली थी, जबकि वीरू ने 49 गेंदों में 45 रनों की पारी खेली जिसमें 7 चौके शामिल थे।
उस यादगार फाइनल के अंतिम क्षणों में युवराज सिंह ने 63 गेंदों में 69 रनों की पारी खेली थी और मोहम्मद कैफ के साथ बेहतरीन साझेदारी को अंजाम देते हुए भारत को वापस मैच में लाकर खड़ा कर दिया था।
युवी तो आउट हो गए लेकिन कैफ ने 75 गेंदों में नाबाद 87 रनों की पारी खेली थी और अंतिम ओवर में तीन गेंदें शेष रहते भारत को 2 विकेट से जीत दिलाकर ही पवेलियन लौटे थे।