- संकट में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट, खिलाड़ी भी मुश्किल में
- खिलाड़ियों ने बोर्ड से क्रिकेट को बचाने की गुजारिश की
- पुरुष और महिला क्रिकेटरों ने साइन करके भेजा बयान
एक तरफ आईपीएल शुरू होने की दहलीज पर है, दूसरी तरफ क्रिकेट जगत में एक बड़ा बवंडर उठता नजर आ रहा है। मामला एक ऐसी टीम से जुड़ा है जिसके दुनिया भर में करोड़ों फैंस हैं। जी हां, हम दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम की बात कर रहे हैं। साउथ अफ्रीका क्रिकेट मुश्किल में है इस बार समस्या इतना गंभीर है कि खिलाड़ियों ने हस्ताक्षर करके अपने क्रिकेट बोर्ड को एक बयान भेजा है।
दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम के कप्तान क्विंटन डिकॉक सहित दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटरों ने देश के क्रिकेट बोर्ड से अपनी समस्याओं को सुलझाने और खेल को बचाने को कहा है जिसकी वित्तीय व्यावहारिकता खतरे में है। 'ईएसपीएन क्रिकइंफो' के अनुसार दक्षिण अफ्रीका क्रिकेटर्स संघ (एसएसीए) ने मंगलवार को जो बयान भेजा है उसमें 30 पुरुष और महिला क्रिकेटरों के हस्ताक्षर हैं।
ये हैं बड़ी समस्याएं
क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) को जिन मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनमें पूर्व खिलाड़ियों द्वारा लगाए रंग के आधर पर भेदभाव और बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बयान के अनुसार, ‘निलंबन, बर्खास्तगी, इस्तीफे, फोरेंसिक आडिट, गोपनीय बातों का लीक होना, मुकदमेबाजी और वित्तीय कुप्रबंधन क्रिकेट की सुर्खियां बन रहे हैं।’ इसमें कहा गया, ‘‘यह उस समय हो रहा है जब हमें बदलाव की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और हम ऐसे माहौल में हैं जहां खेल की वित्तीय व्यावहारिकता खतरे में है।’’ हाल के समय में कई पूर्व शीर्ष खिलाड़ियों ने नस्लवाद के आरोप लगाए हैं जिसमें मखाया एनटिनी भी शामिल हैं।
राजनीति और निजी स्वार्थ हावी
बयान में कहा गया, ‘राजनीति और निजी स्वार्थ क्रिकेट मामलों और सुशासन पर हावी हो रहे हैं। ऐसे फैसले किए जाने चाहिए तो क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में हों। ऐसा नहीं होने की स्थिति में जिस खेल को हम प्यार करते हैं उसे देश में अपूर्णीय क्षति पहुंच सकती है।’
इस्तीफे और बर्खास्तगी, कोविड ने भी कर दिए हालात मुश्किल
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में समस्याओं का उजागर होना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसा होता रहा है। हाल ही में पूर्व सीईओ थबांग मोरो को 9 महीने के निलंबन के बाद बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन पर गलत व्यवहार के आरोप लगे थे। जबकि दो हफ्ते पहले क्रिस नेनजानी ने भी इस्तीफा दे दिया था जबकि उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। वहीं आर्थिक मोर्चे पर भी दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को करारा झटका लगा है क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कई सीरीज व दौरे रद्द हुए जिससे बोर्ड को काफी नुकसान झेलना पड़ा है।