- श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं
- वह दुनिया के एकमात्र शख्स हैं, जिन्होंने 50 से ज्यादा टेस्ट खेले व अंपायरिंग की
- वेंकट मशहूर स्पिन चौकड़ी- भागवत, इरापल्ली और बिशन सिंह बेदी का हिस्सा थे
नागपुर: जब भी कोई श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन की बात करता है तो अनुशासित, पारंपरिक और स्पष्टवादी जैसे शब्द सीधे दिमाग में आते हैं। वेंकटराघवन भारत के दिग्गज स्पिनर्स में से एक थे। भारत की महान स्पिन चौकड़ी का हिस्सा रहे वेंकट ने 1960 और 70 के दशक में दुनिया पर राज किया। भागवत चंद्रशेखर, इरापल्ली प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी और वेंकटराघवन में से भले ही सबसे कम प्रभावी आंकड़े वेंकट के हो, लेकिन वह अपनी मौजूदगी महसूस कराने में हमेशा कामयाब रहे।
वेंकटराघवन मंगलवार को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह दुनिया के एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 50 से ज्यादा मैच बतौर खिलाड़ी खेले और फिर 50 से ज्यादा टेस्ट में अंपायरिंग भी की। पूर्व भारतीय कप्तान को स्पिनर्स की चौकड़ी में सबसे सटीक गेंदबाज के रूप में जाना जाता था। एक बार दिलीप सरदेसाई ने कहा था कि उन्हें वेंकटराघवन की गेंदों पर रन बनाने में काफी कठिनाई होती है।
जब ये चारों खिलाड़ी एकसाथ खेलते थे तो स्पिन बादशाह होता था। चारों खिलाड़ियों ने दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों के मन में खौफ बना रखा था। चंद्रशेखर, प्रसन्ना और बेदी दिग्गज तो थे ही, इनके साथ वेंकट ने भी भारत की यादगार जीतों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1971 में वेस्टइंडीज में भारत की जीत के समय वेंकटराघवन प्रमुख खिलाड़ियों में से एक थे।
विंडीज दौरे पर सबसे ज्यादा विकेट चटकाए
1971 के वेस्टइंडीज दौरे पर भारत ने यादगार जीत दर्ज की। इस दौरे पर वेंकटराघवन और सुनील गावस्कर चमके। पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने एक बार कहा था, '1971 दौरे पर पहले टेस्ट से पूर्व हम दोनों (गावस्कर और वेंकटराघवन) हमारे स्थानीय टीम के मैनेजर के घर पर डिनर के लिए गए। वहां हमारी मुलाकात एक ज्योतिषी से हुई, जिसने अनुमान लगाया कि उस दौरे पर हम दोनों सफल होंगे। मैं एक्शन से बाहर था और पता भी नहीं था कि एक भी टेस्ट खेल पाउंगा या नहीं। इसलिए उनकी बात पर मैंने विश्वास नहीं किया। वेंकटराघवन ने उस दौरे पर 29 विकेट चटकाए, जो भारतीय द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं।'
गावस्कर उस दौरे पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज थे। गावस्कर ने कहा, 'यह जानकर अच्छा लग रहा है कि वेंकटराघवन 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। सर राघवन, जी हां, सर जडेजा से पहले ये ही असली सर हैं। इन्हें जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाएं।' इरापल्ली प्रसन्ना भी ऑफ स्पिनर थे, लेकिन उन्होंने कभी वेंकटराघवन को अपना प्रतिस्पर्धी नहीं माना। मगर दोनों को एक-दूसरे का साथ काफी अच्छा लगता रहा।
प्रसन्ना ने कहा, 'हम चारों में सबसे बुद्धिमान वेंकटराघवन था। जब हम सभी एकसाथ खेलते थे तो किसी को उसकी भूमिका का एहसास नहीं था। वह हमारी सफलता के पीछे का हाथ है। मैं तो अपनी सफलता का श्रेय उसे देता हूं क्योंकि जब भी हम दक्षिण जोन के लिए एकसाथ खेले तो वह एक छोर संभाले रखता था और दूसरे छोर से मुझे सात या आठ विकेट मिल जाती थी। वह काफी कड़ा प्रतिस्पर्धी था। वह हमारे लिए आदर्श थे। वह स्पष्टवादी, हमेशा तैयार रहना और आत्मविश्वासी है। वह दिल के बहुत अच्छे हैं, लेकिन स्पष्टवादी होने के कारण कई बार उन्हें गलत समझ लिया जाता है।' वेंकटराघवन ने 57 टेस्ट में 156 विकेट चटकाए। इसके अलावा 341 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 1390 विकेट झटके।