- ग्रुप दौर में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया ने जीते चार-चार मुकाबले
- नेट रन रेट से हुआ टॉप टू टीमों का फैसला
- इंग्लैंड को आखिरी मुकाबले में हराकर भी द. अफ्रीका टीम हुई सुपर-12 दौर में बाहर
शारजाह: टी20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल की दौड़ सुपर-12 के दोनों ग्रुप में दूसरे स्थान के लिए चल रही थी। शनिवार को वेस्टइंडीज-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले और इंग्लैंड-दक्षिण अफ्रीका के मुकाबले के बाद ग्रुप 1 की सेमीफाइनल की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई। ग्रुप में इंग्लैंड पहले और ऑस्ट्रेलिया दूसरे पायदान पर रही। ऑस्ट्रेलिया की दिन के पहले मैच में 8 विकेट से हार के बाद शारजाह में खेले गए दूसरे मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के सामने इंग्लैंड को मात देने की चुनौती थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 190 रन का लक्ष्य रखा था।
दक्षिण अफ्रीका को 131 रन से कम स्कोर पर इंग्लैंड को था रोकना
लेकिन सेमीफाइनल की स्थिति मुकाबले के हार जीत के फैसले पर पहुंचने से पहले ही स्पष्ट हो गई थी। दक्षिण अफ्रीका को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए इंग्लैंड को 131 या उससे कम के स्कोर पर रोकना था। लेकिन दक्षिण अफ्रीका गेंदबाज ऐसा कर पाने में असफल रहे। इंग्लैंड की टीम धमाकेदार बल्लेबाजी के बल पर आखिरी ओवर में जीत की कगार पर पहुंच गई थी। लेकिन द. अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने 20वें ओवर की पहली तीन गेंदों में क्रिस वोक्स, इयोन मोर्गन और क्रिस जॉर्डन के विकेट लेकर अपनी टीम को 10 रन के अंतर से जीत दिला दी। अंतिम ओवर में जीत के लिए 6 गेंद में इंग्लैंड को 14 रन बनाने थे। लेकिन वो केवल 3 रन बना सकी और 10 रन के अंतर से मैच गंवा दिया।
पांच मैच में चार जीत के बाद भी थमा दक्षिण अफ्रीका का सफर
दक्षिण अफ्रीकी टीम सुपर-12 दौर में पांच में चार मैच में जीत दर्ज करने का बाद भी सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी। ग्रुप-1 को पहले से ही ग्रुप ऑफ डेथ करार दिया गया था। ऐसे में अंत में हुआ ऐसा ही। ग्रुप की टॉप तीन टीमों ने 5 में से 4-4 मैच में जीत हासिल की। सबके खाते में 8-8 अंक थे लेकिन अंत में फैसला नेट रन रेट के आधार पर हुआ। इंग्लैंड की टीम +2.464 के नेट रन रेट के साथ पहले पायदान पर रही। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने +1.216 के नेट रन रेट के साथ दूसरे पायदान पर रही। वहीं दक्षिण अफ्रीका का नेट रन रेट +0.739 रहा और उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।