- अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी क्रिकेट टीम को लेकर दी ताजा जानकारी
- तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद क्रिकेट को लेकर लिया पहला बड़ा फैसला
- अमेरिकी सेना ने दो दशक बाद अफगानिस्तान को छोड़ा, अफगानिस्तान में अब तालिबान का राज
अफगानिस्तान से अब अमेरिकी सेना पूरी तरह स्वदेश लौट चुकी है। बीस सालों के युद्ध के बाद अब अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान राज कायम हो गया है। देश में तमाम चीजों को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुए है और आने वाले दिनों में सभी की नजरें तालिबान पर रहेंगी कि वो क्या फैसले लेते हैं और उनका व्यवहार कैसा रहता है। तालिबान के अफगानिस्तान क्रिकेट टीम की ओर कैसा रवैया रहेगा, इसको लेकर भी तमाम चर्चाएं चल रही थीं। अब तालिबान ने अफगान क्रिकेट को लेकर पहला बड़ा फैसला लिया है।
तालिबान ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को आश्वासन दिया है कि वो क्रिकेट मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे और वे इस खेल का पूरी तरह समर्थन भी करते हैं। ताजा खबर ऐतिहासिक अफगानिस्तान-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच को लेकर है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने पुष्टि की है कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के कार्यक्रम को बरकरार रख सकती है और उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी सीरीज रद्द हुई थी।
तालिबान के कल्चरल कमीशन के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट मैच जारी रहे। उन्होंने कहा कि तालिबान अन्य देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है और वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बाधाएं पैदा नहीं करेगा। एसबीएस पश्तो से बात करते हुए उन्होंने कहा, "निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सभी क्रिकेट मैच जारी रहेंगे और अफगान टीम अन्य अंतरराष्ट्रीय टीमों के खिलाफ भी क्रिकेट खेल सकती है। भविष्य में हम बाकी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं। अच्छे रिश्ते कायम होंगे तो अफगान खिलाड़ी वहां जा सकते हैं और वापस भी आ सकते हैं।"
ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान की टीमों को 27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच होबार्ट (ऑस्ट्रेलिया) के ब्लंडस्टोन एरिना में एक ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेलना है। ये क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में दोनों देशों की पहली भिड़ंत होगी।