- लता मंगेशकर की याद में भारतीय टीम ने काली पट्टी बांधी
- स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने रविवार की सुबह अंतिम सांस ली
- भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला वनडे अहमदाबाद में खेला जा रहा है
अहमदाबाद: भारतीय क्रिकेट टीम ने रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में महान गायिका लता मंगेशकर की याद में काली पट्टी बांधी। 92 साल की लता मंगेशकर ने रविवार को अंतिम सांस ली। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर पिछले कुछ सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थी, जहां रविवार को उनका देहांत हुआ।
बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'भारतीय क्रिकेट टीम ने भारत रत्न लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी बांधी है, जिनका रविवार की सुबह देहांत हुआ। राग की रानी लता दीदी को क्रिकेट से प्यार था, वो हमेशा खेल और भारतीय टीम का समर्थन करती थीं।'
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली, पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग, टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा सहित कई खेल हस्तियों ने सोशल मीडिया के जरिये लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी। केंद्र सरकार ने घोषणा की कि पूरा देश दो दिवसीय शोक मनाएगा, जबकि उनका राजकीय अंतिम संस्कार किया जाएगा।
महान गायिका लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता मंगेशकर से जाने से पूरा देश गमगीन हो गया है। हर कोई उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था।
भारत रत्न के सम्मानित लता ने अपनी आवाज और अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल कर ली थी और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए। लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दी है। लता मंगेशकर को गायिकी क्षेत्र में अतुल्य योगदान देने के लिए भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड सहित कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
लता मंगेशकर को उनके सुरीले कंठ की वजह से nightingale of India भी कहा जाता है। उनकी इच्छा बचपन से ही गायिका बनने की थी लेकिन उनके पहले गाने को फिल्म से निकाल दिया गया था क्योंकि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह फिल्मों के लिए गाने गाएं। वहीं नियति की क्रूरता ने जब 13 साल की लता के सिर से पिता का साया हटा दिया तो पैसों की किल्लत दूर करने के लिए लता जी ने कुछ फिल्मों में काम भी किया था। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर थी जो 1942 में रिलीज हुई थी।