- टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने वो समय याद किया जब खराब फॉर्म चल रहा था
- कोहली ने कहा कि उन्हें लगा कि अब करियर समाप्त हो चुका है
- विराट कोहली ने फिर जोरदार वापसी की और अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं
नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली अपनी मजबूत मानसिकता के लिए जाने जाते हैं और इसे क्रिकेट के मैदान पर साबित करने के लिए वो कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हालांकि, कोहली ने समय रहते अपना व्यक्तित्व दर्शाया। हर व्यक्ति की तरह उन्होंने भी अपनी जिंदगी में खराब समय का अनुभव किया है। कोहली ने अपने फैंस को बताया कि इंग्लैंड के खिलाफ 2014 में खराब प्रदर्शन के बाद कैसे उन्हें जिंदगी में नकारात्मकता ने घेर लिया था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया, जिसमें विराट कोहली अपने करियर के सबसे बुरे समय को याद करते हुए नजर आ रहे हैं। उस समय को याद करते हुए कोहली ने 2009 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच को याद किया। इस घटना के बारे में बात करते हुए कोहली ने कहा कि भारत के खिलाफ 2009 चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान ने 303 रन का स्कोर खड़ा किया था।
जवाब में टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर बेहतरीन प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं रही। गंभीर ने 57 जबकि तेंदुलकर ने 8 रन बनाए। चौथे नंबर पर कोहली बल्लेबाजी करने उतरे। वह काफी दबाव में थे। कोहली अपने फैंस की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। 16 रन बनाने वाले कोहली को शाहिद अफरीदी ने आउट किया था।
लगा कि करियर खत्म हो गया: कोहली
विराट कोहली को इस पारी के बाद लगा कि उनका करियर समाप्त हो गया है। हाई वोल्टेज मैच में खराब प्रदर्शन के कारण कोहली को नींद नहीं आई। टीम इंडिया यह मुकाबला गंवा चुकी थी और कोहली को लगा कि उनका करियर समाप्त हो गया है। कोहली ने वीडियो में कहा, '2009 चैंपियंस ट्रॉफी में मैंने पाकिस्तान के खिलाफ वापसी की थी। मुझे याद है कि 16 रन बनाने के बाद मैंने शाहिद अफरीदी की गेंद पर छक्का जड़ने की कोशिश की और लांग ऑफ के फील्डर को कैच थमाकर पवेलियन लौट गया। हम मैच हार गए।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं होटल पहुंचा तो नींद नहीं आ रही थी। सुबह 5 बजे तक मैं पंखें को देखता रहा। मेरे दिमाग में चल रहा था कि मेरा काम हो गया है। मेरा करियर समाप्त हो गया है।' 11 साल हो गए। कोहली ने धमाकेदार वापसी की और अब तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया का नेतृत्व कर रहे हैं। कोहली ने नकारात्मकता से ऊपर उठकर शानदार खेल दिखाया और अब वह किसी भी गेंदबाज के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं।