- क्रिकेट इतिहास में 18 मार्च का दिन
- क्रिकेट जगत में बेहद दुख के साथ याद की जाती है ये तारीख
- पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर व पाकिस्तान के पूर्व कोच बॉब वूल्मर की संदिग्ध हालातों में हुई थी मौत
नई दिल्लीः क्रिकेट इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिन्होंने दिल को इस कदर दुख दिया कि आज भी उसकी टीस है। ऐसी ही एक घटना आज के दिन (18 मार्च) 2007 क्रिकेट विश्व कप के दौरान हुई थी, लेकिन ये घटना मैदान से बाहर हुई थी और इसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। वेस्टइंडीज में विश्व कप चल रहा था और वहां होटल के एक कमरे में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के इंग्लिश कोच बॉब वूल्मर की संदिग्ध हालत में लाश मिली थी।
वेस्टइंडीज में क्रिकेट विश्व कप 2007 का जश्न चल रहा था। उस विश्व कप में कई उलटफेर भी हुए थे, ऐसा ही एक उलटफेर 17 मार्च को हुआ था जब आयरलैंड क्रिकेट टीम ने दिग्गज पाकिस्तानी टीम को 3 विकेट से हराते हुए टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पाकिस्तानी टीम लटके हुए चेहरों के साथ टीम होटल लौट आई। लेकिन अगले दिन जो हुआ उसने सबको दुखी कर दिया।
बाथरूम में मिली वूल्मर की लाश
बात 18 मार्च की है। जमैका के जिस होटल में पाकिस्तानी टीम रुकी थी, उसकी 12वीं मंजिल पर वूल्मर का कमरा था। कमरे से काफी समय तक कोई जवाब नहीं आया तो अंदर जाकर देखा गया। बाथरूम खोला तो सबके होश उड़ गए। बिना कपड़ों के वूल्मर जमीन पर गिरे हुए थे, दीवारों पर उल्टी के निशान थे उनके मुंह से खून निकल रहा था।
क्या थी मौत की वजह?
कई खबरें सामने आने लगीं, शुरुआत में खबरें थीं कि आयरलैंड के खिलाफ मैच में मिली शर्मनाक हार के बाद पाकिस्तान द्वारा उनकी हत्या करवा दी गई। जांच आगे बढ़ी तो पता चला वो डायबिटीज के शिकार थे, दवाईयों पर निर्भर थे और पाकिस्तानी टीम उलटफेर का शिकार हुई तो उनको दिल का दौरा पड़ा होगा। वहीं कुछ खबरों में ये भी बात आई कि उन्होंने खुदकुशी की है। जांच काफी दिनों तक चली और 45 दिन बाद जमैका की जांच एजेंसी ने ऐलान कर दिया कि वूल्मर की मौत प्राकृतिक थी।
कानपुर में हुआ जन्म
बॉब वूल्मर के बारे में कम ही लोग ये जानते थे कि उनका जन्म 14 मई 1948 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। ये बात तब सुर्खियों में आई जब एक मैच के दौरान कोच के रूप में वो कानपुर आए थे और जिस अस्पताल में उनका जन्म हुआ था, उस अस्पताल ने उनका जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) वूल्मर को भेंट किया। वो उस समय 57 साल के थे और इस उम्र में जन्म प्रमाण पत्र हासिल करके उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। ये अजीब ही बात थी कि उससे एक साल बाद ही वूल्मर का निधन हो गया।
भारत की आजादी से पहले वूल्मर के पिता कानपुर में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में तैनात थे और वो क्रिकेट प्रेमी व खिलाड़ी भी थे। वूल्मर का परिवार 1950 में इंग्लैंड चला गया था और वे केंट में रहने लगे थे। वूल्मर को 20 साल की उम्र में केंट काउंटी स्टाफ टीम में जगह मिल गई थी। वो प्रतिभाशाली थे और देखते-देखते क्रिकेट करियर तेजी से आगे बढ़ता चला गया।
वूल्मर ने इंग्लैंड के लिए 19 टेस्ट मैच खेले जिस दौरान उन्होंने 1059 रन बनाए और 4 विकेट लिए। जबकि उन्होंने 1972 से 1976 के बीच 6 वनडे मैच भी खेले जिसमें उन्होंने कुल 21 रन बनाए और 9 विकेट लिए।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वो सफल रहे, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 15,772 रन बनाए जिसमें 34 शतक और चार सौ से ज्यादा विकेट शामिल थे। लिस्ट-ए क्रिकेट में भी वूल्मर ने 4078 रन बनाए और 374 विकेट लिए। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 1981 में खेला। बाद में वो एक क्रिकेट कोच बने और कोच के रूप में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका, वॉरविकशर और पाकिस्तान की टीमों को सेवाएं दीं।