- दो महीने पहले कोच जस्टिन लैंगर ने जताई थी डेविड वॉर्नर के फॉर्म को लेकर चिंता
- आरोन फिंच ने जताया था वॉर्नर पर पूरा भरोसा और की थी वर्ल्ड कप में उनके प्रदर्शन को लेकर बड़ी भविष्यवाणी
- रविवार को सही साबित हुई आरोन फिंच की वो भविष्यवाणी
दुबई: टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले आईपीएल में डेविड वॉर्नर खराब दौर से गुजर रहे थे। सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने उन्हें कप्तानी से तो पहले ही हटा दिया था लेकिन यूएई में खेले गए दूसरे चरण के शुरुआती मैचों में नाकाम रहने के बाद प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया था। ऐसे में टीम वर्ल्ड कप से ठीक पहले वॉर्नर जैसे धाकड़ बल्लेबाज का फॉर्म ऑस्ट्रेलिया के टीम मैनेजमेंट के लिए भी परेशानी का सबब बन गया था।
2 महीने पहले लैंगर ने जताई थी वॉर्नर के फॉर्म पर चिंता
ऐसे में रविवार को ऑस्ट्रेलिया के पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने के बाद कप्तान आरोन फिंच ने वॉर्नर के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। फिंच ने बताया कि टीम के कोच जस्टिन लैंगर ने दो महीने पहले उन्हें एक दिन फोन किया और डेविड वॉर्नर के फॉर्म पर चिंता जताई थी। ऐसे में आरोन फिंच ने कोच को उनके फॉर्म की चिंता नहीं करने की बात कहते हुए एक बड़ी भविष्यवाणी भी की थी जो रविवार को सच साबित हुई।
फिंच ने की थी मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनने की भविष्यवाणी
फिंच ने लैंगर से कहा था, आप वॉर्नर के फॉर्म के बारे में चिंता मत कर करो वो टूर्नामेंट का प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनेगा।' फिंच की ये भविष्यवाणी रविवार को सच साबित हुई और उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। वॉर्नर ने टूर्नामेंट में खेले 7 मैच की 7 पारियों में 1 बार नाबाद रहते हुए 48.16 की औसत और 146.70 के स्ट्राइक रेट के साथ 289 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 अर्धशतक जड़े और नाबाद 89* रन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ किया। वो टूर्नामेंट में बाबर आजम के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में बाबर आजम(303) के बाद दूसरे पायदान पर रहे।
अभ्यास मैचों और सुपर-12 के पहले मैच में खामोश रहा था बल्ला
हालांकि टूर्नामेंट में उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। अभ्यास मैचों में न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ 0 और 1 रन की पारी खेलकर वो पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद सुपर-12 राउंड के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केवल 14 रन बनाकर आउट हो गए। ऐसे में उनको लेकर टीम के लिए असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई थी।
श्रीलंका के खिलाफ बजाया फॉर्म में वापसी का बिगुल
ऐसे में श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में उन्होंने 65 रन की धमाकेदार पारी खेलकर सारे सवालों पर विराम लगा दिया और आलोचकों की बोलती बंद कर दी। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ वो केवल 1 रन बनाकर आउट हो गए और बांग्लादेश के खिलाफ उनके बल्ले से केवल 18 रन निकले। लेकिन सुपर-12 दौर के आखिरी मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 89 रन की पारी खेलकर इस बात की मुनादी कर दी कि उन्हें कोई हलके मे ना ले।
अंत में टीम को बनाया विश्व चैंपियन
सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ वॉर्नर ने 49 रन बनाए और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाने के लिए मंच तैयार किया। इसके बाद फाइनल में 53 रन की पारी खेलकर मिचेल मार्श के साथ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की सफलता की एक और नई इबारत लिख दी।