- युगांडा के खिलाफ मुकाबले से पहले आई भारतीय अंडर-19 टीम के खिलाड़ियों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट
- 6 खिलाड़ियों की रिपोर्ट आई है पॉजिटिव
- आयरलैंड के खिलाफ मैच में उतरने वाले सभी खुलाड़ियों की रिपोर्ट है निगेटिव
नई दिल्ली: कप्तान यश धुल सहित पांच भारतीय खिलाड़ी शुक्रवार को कोविड-19 की नवीनतम आरटी-पीसीआर जांच में पॉजिटिव आने के बाद अंडर -19 विश्व कप में युगांडा के खिलाफ टीम के अंतिम लीग मैच से बाहर हो गए हैं। आईसीसी के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि बुधवार को आयरलैंड के खिलाफ मैच से पहले पृथकवास में गये छह खिलाड़ियों में से केवल हरफनमौला वासु वत्स का नतीजा नेगेटिव आया है।
भारतीय टीम पहले ही क्वार्टर फाइनल का टिकट कटा चुकी है। भारत को शनिवार को ग्रुप बी के अंतिम मैच में युगांडा से भिड़ना है। रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) जांच में पॉजिटिव आने वाले कप्तान धुल, आराध्य यादव और शेख रशीद ने आरटी-पीसीआर का परीक्षण भी पॉजिटिव रहा। आरएटी में नेगेटिव आने वाले मानव पारख का भी आरटी-पीसीआर जांच का नतीजा पॉजिटिव आया है।
आयरलैंड के खिलाफ मैच खेलने वाले सभी खिलाड़ी निगेटिव
आईसीसी के एक सूत्र ने कहा, 'इस जांच नतीजे में जो बात सकारात्मक रही वह यह है कि आयरलैंड के खिलाफ मैदान में उतरने वाले सभी 11 खिलाड़ी जांच में नेगेटिव आये हैं।'
कप्तान यश धुल में है सबसे ज्यादा लक्षण
संक्रमित होने वाले खिलाड़ियों में धुल में इस बीमारी का लक्षण सबसे ज्यादा हैं। भारत अगर अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहता है तो उसका क्वार्टर फाइनल मैच 29 जनवरी को होगा और तब तक धुल के अलावा सभी को ‘ठीक होना चाहिए’।
कोरोना की मार के बावजूद आयरलैंड के खिलाफ दर्ज की जीत
भारत ने अपने शिविर में कोरोना वायरस के प्रकोप से मुश्किल परिस्थितियों में मैदान पर टीम उतारने के बाद आयरलैंड के खिलाफ बड़ी जीत के साथ नॉकआउट में जगह पक्की की। सभी संक्रमित खिलाड़ियों को टूर्नामेंट प्रोटोकॉल के अनुसार पांच दिनों तक पृथकवास में रहना होता है। इस अवधि के अंदर जांच में तीन बार नेगेटिव आने के बाद ही वह भी टीम में शामिल हो सकता है।
यात्रा के दौरान संक्रमण की चपेट में आए खिलाड़ी
इस बात पर हालांकि संशय है कि बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) में रहने के बाद भी भारतीय खिलाड़ी वायरस के चपेट में कैसे आ गये। यूएई में एशिया कप जीतने के बाद भारतीय टीम एम्सटर्डम होते हुए वेस्टइंडीज के लिए रवाना हुई थी। गुयाना पहुंचने के बाद भारतीय टीम को पांच दिनों तक पृथकवास रहना पड़ा था और इसी दौरान टीम के एक सहयोगी सदस्य का जांच नतीजा पॉजिटिव आया था। समझा जाता है कि यह सदस्य यात्रा के दौरान इस वायरस के चपेट में आया जिससे दूसरे खिलाड़ी संक्रमित हुए।
आरटी-पीसीआर रिपोर्ट का नतीजा दो दिनों के बाद आता है और भारतीय खिलाड़ी पांचवें दिन पृथकवास से आने के बाद दो दिनों तक कोचिंग दल के उस सदस्य के संपर्क में रहे थे। उन्होंने कहा, टखिलाड़ी उस अवधि में कोच के साथ थे और ऐसा लगता है कि टीम वही से वायरस के चपेट में आ गयी।'