- उन्मुक्त चंद ने लगातार हो रही अनदेखी पर अपनी निराशा जाहिर की
- चंद ने कहा कि लगातार बाहर बैठना उनके लिए मेंटल टॉर्चर था
- चंद ने अपना इस्तीफा बीसीसीआई को 13 अगस्त 2021 को सौंपा था
नई दिल्ली: भारत की अंडर-19 सनसनी उन्मुक्त चंद ने बीसीसीआई को अपना इस्तीफा सौंपकर भारतीय क्रिकेट को हैरान कर दिया था। भारत को अंडर-19 विश्व कप खिताब दिलाने के बाद उन्मुक्त चंद ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी और उन्हें भारतीय क्रिकेट में अगली बड़ी चीज माना जा रहा था। हालांकि, भारत में चंद को सही मौके नहीं मिले और उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला कर लिया।
13 अगस्त 2021 को जब चंद ने बीसीसीआई को अपना इस्तीफा सौंपा तो उसी दिन माइनर लीग क्रिकेट की तरफ से घोषणा हुई कि सिलीकॉन वैली स्ट्राइकर्स ने उन्हें रख लिया है। अपना इस्तीफा देने के बाद चंद ने कहा कि चार महीने पहले वह इस विकल्प पर विचार नहीं कर रहे थे, लेकिन डीडीसीए में कुछ गंदी राजनीति ने उन्हें यह कदम लेने पर मजबूर किया।
उन्मुक्त चंद ने बताया कि जब वह अच्छी लय में थे जब टीम से बाहर बैठने पर कैसा महसूस हो रहा था। उन्होंने देखा कि किसी भी खिलाड़ी को उन पर तरजीह मिल रही है और यहां से उन्हें बहुत बुरा लगने लगा। मौके और भारत में गेम टाइम के बारे में सवाल किया तो चंद ने जवाब दिया, 'हां पिछले कुछ साल मेरे लिए काफी कड़े बीते। पिछले सीजन में मुझे दिल्ली की तरफ से एक भी मैच खेलने को नहीं मिला। और फिर वो ही। मुझे नहीं पता कि मुझे आगे मैच मिलता या नहीं।'
मैं उसी प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहता : चंद
उन्मुक्त चंद ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में आगे कहा, 'भारत में इस समय घरेलू क्रिकेट में कई अगर 'नहीं मिला मौका' वाली चिंता है। तो मैं समान प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहता। मेरे लिए खुद को बाहर बैठे देखना मेंटल टॉर्चर था और किसी को भी मौका मिल रहा था, जिन्हें मैं अपने क्लब टीम के लायक भी नहीं समझता।'
चंद ने कहा, 'तो ऐसी चीजें होती है और पूरी पवित्रता दूर जा चुकी है। इसका कोई मतलब नहीं निकलता और मैं बस इस बारे में ज्यादा सोचकर समय बर्बाद नहीं करना चाहता था कि यह लड़के खेलेंगे या नहीं। तो जब ये चीजें शुरू हुई, आप इसमें बिलकुल रहना नहीं चाहते हैं। हां मेरे पास सीमित साल है और मैं अच्छी क्रिकेट खेलना चाहता हूं और उलझन में रहना बहुत बहुत बुरी जगह है।'