- वरुण चक्रवर्ती का इंग्लैंड के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज में खेलना मुश्किल
- वरुण चक्रवर्ती दूसरी बार भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने से चूक सकते हैं
- ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंधें की चोट के कारण बाहर हो गए थे वरुण चक्रवर्ती
नई दिल्ली: वरुण चक्रवर्ती पांच महीने के भीतर दूसरी बार टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने मौका गंवा सकते हैं। वरुण का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टी20 सीरीज के लिए चयन हुआ था, तब वो कंधें की चोट के कारण दौरे से बाहर हो गए थे। इस बार स्पिनर के डेब्यू से चूकने की वजह अलग हो सकती है। दरअसल, रहस्यमयी स्पिनर ने फिटनेस टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए नया बेंचमार्क स्थापित किया है, जिसमें 8.5 मिनट के अंदर दो किमी दौड़ लगाना है या फिर यो-यो टेस्ट में 17.1 का स्कोर करना।
यह समझा जा सकता है कि वरुण चक्रवर्ती ने दोनों में से एक भी टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और यही वजह है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज से बाहर हो सकते हैं। वरुण चक्रवर्ती ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेलते हुए काफी सुर्खियां हासिल की थीं। आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर ही 29 साल के वरुण का ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए सेलेक्शन हुआ था।
अब अगर आगामी टी20 इंटरनेशनल सीरीज में वरुण डेब्यू नहीं कर पाते हैं, तो यह किसी दुर्भाग्य से कम नहीं होगा। हालांकि, वरुण ने कहा कि उन्हें बीसीसीआई से अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। क्रिकबज से बातचीत में मिस्ट्री स्पिनर ने कहा, 'मुझे अब तक बीसीसीआई से किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है।'
एनसीए में तीन महीने रहे वरुण
वरुण चक्रवर्ती चोट से उबरने के लिए एनसीए में तीन महीने थे। उन्होंने एनसीए में अपने थ्रो करने की शैली पर काम किया और फिलहाल वह केकेआर के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। यह समझा जा सकता है कि क्रिकेटर का रीहैब योजनाबद्ध तरीके से हुआ और उनकी ताकत व कंडीशनिंग में गजब का सुधार हुआ। हालांकि, उनकी दौड़ परेशानी बनी और यही वजह है वह एक बार फिर भारत के लिए खेलने से चूक सकते हैं।
वैसे, वरुण चक्रवर्ती ने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लिया। तमिलनाडु के सचिव एस रामास्वामी ने कहा, 'वनडे टीम के लिए वरुण के नाम पर विचार नहीं किया गया क्योंकि हम उन्हें टी20 स्पेशलिस्ट मानते हैं। उनसे चार-पांच ओवर से ज्यादा गेंदबाजी करने की अपेक्षा नहीं की जाती।'