- विनोद कांबली और उनका जीवन
- आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं कांबली
- कांबली बोले उनको काम की जरूरत है
एक जमाना था जब सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की जोड़ी की चर्चा मुंबई से होते हुए पूरे भारत में फैली और फिर पूरी दुनिया में। स्कूल से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक इस जोड़ी ने साथ मिलकर लंबा सफर तय किया था। जब अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत हुई तो कांबली ने धमाकेदार बल्लेबाजी से सबको हैरान कर दिया था। लेकिन उसके बाद सचिन ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी और क्रिकेट जगत में लंबी पारी खेली जबकि कांबली के करियर पर अचानक ब्रेक लग गया। आज आलम ये है कि इस पूर्व क्रिकेटर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वो पैसों के लिए क्रिकेट से जुड़ा कोई भी काम करने को तैयार हैं।
विनोद कांबली ने 'मिड-डे' को दिए एक खास इंटरव्यू में अपनी स्थिति को खुलकर सबके सामने रखा। क्रिकेट से फिल्मों तक और छोटे पर्दे पर रिएलिटी शो तक में किस्मत आजमा चुके इस पूर्व क्रिकेटर का कहना है कि उनको काम की जरूरत है क्योंकि उनको अपना परिवार पालना है। कांबली ने इस इंटरव्यू में बताया कि उनकी कमाई का जरिया सिर्फ बीसीसीआई द्वारा मिलने वाली 30 हजार रुपये की पेंशन है। इसलिए उनको काम की जरूरत है।
मुझे काम चाहिए
उन्होंने बीच में कोचिंग की जिम्मेदारी उठाई थी जब नेरुल में तेंदुलकर ग्लोबल मिडिलसेक्स अकादमी के बच्चों को वो ट्रेनिंग दिया करते थे। लेकिन उनका कहना है कि नेरुल उनके घर से काफी दूर पड़ जाता था। रोज सुबह 5 बजे उठकर स्टेडियम पहुंचना काफी ज्यादा कार्यभार हो जाया करता था। उनका कहना है कि वो बीसीसीआई के शुक्रगुजार हैं क्योंकि रिटायर्ड क्रिकेटर के रूप में जो पेंशन मिल रही है उसी से घर चल रहा है।
उन्होंने कहा, "मुुझे ऐसे काम चाहिए जहां मैं युवाओं के साथ काम कर सकूं। मुझे पता है कि मुंबई ने अमोल मजूमदार को कोच के रूप में बरकरार रखा है। लेकिन अगर कहीं मेरी जरूरत हो, तो मैं उसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं। हम साथ भी खेल चुके हैं।"
मैंने एमसीए से मदद मांगी
कांबली ने आगे कहा, "मैंने एमसीए (मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन) से मदद मांगी। मैं सीआईसी में भी आया जहां एक हॉनररी जॉब थी। मैंने एमसीए से गुहार लगाई कि वे मुझे कुछ काम दे सकें क्योंकि मुझे भी अपना परिवार देखना है। चाहे वो वानखेड़े स्टेडियम में हो या फिर बीकेसी, मैं दोनों जगह काम करने के लिए तैयार हूं। मुंबई क्रिकेट ने मुझे बहुत दिया है। इस खेल ने मुझे जिंदगी दी है।"
कभी-कभी पीता हूं, जरूरत पड़ी तो पूरी तरह छोड़ दूंगा
कांबली ने ये भी बताया कि वो एडिक्ट नहीं हैं बस कभी-कभी थोड़ा पी लेते हैं। उनका कहना है कि- कौन नहीं करता है। कांबली ने कहा कि अगर किसी जगह काम मिला और वहां नियम कहते हैं कि आप नहीं पी सकते तो मैं इसको तुरंत रोक दूंगा।