दुबई: मौजूदा दौर में 'शतकों का शहंशाह' कहे जाने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली 1021 दिन बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जड़ने में सफल हुए हैं। उनके प्रशंसक पिछले तीन साल से उनके 71वें इंटरनेशनल शतक का इंतजार बेसब्री से कर रहे थे। तीनों फॉर्मेट की 83 पारियों के बाद विराट शतक बनाने में सफल हुए हैं। प्रशंसकों को लग रहा था कि वो टेस्ट या वनडे क्रिकेट में इस सूखे को खत्म करेंगे लेकिन विराट ने अंतरराष्ट्रीय टी20 में पहली बार तीन अंक के आंकड़े को छूते तीन साल की बल्ले की खामोशी और प्रशंसकों की मायूसी को खत्म कर दिया।
खेली अंतरराष्ट्रीय टी20 में भारत के लिए सबसे बड़ी पारी
शतक जड़ने के बाद विराट मैदान पर अगल ही अंदाज में सेलिब्रेशन करते नजर आए। उनके चेहरे पर राहत वाली खुशी दिखाई दे रही थी। उन्होंने अपनी इंगेजमेंट रिंग को निकालकर चूमा और अपनी पत्नी का शुक्रिया अदा करते नजर आए। विराट ने अपनी 61 गेंद में 122 रन की नाबाद आतिशी पारी के दौरान 12 चौके और 6 छक्के जड़े। पारी का आगाज करने आए विराट ने 53 गेंद में अपना शतक पूरा किया और भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय टी20 में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बनकर मैदान से बाहर गए।
अनुष्का और वामिक को समर्पित किया शतक
विराट कोहली ने अपने इस शतक को पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका को समर्पित किया है। विराट ने शतक जड़ने के बाद कहा, पिछले ढाई साल के वक्त ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। एक महीने बाद मैं 34 साल का हो जाउंगा। ऐसे में एग्रेशन के साथ किए जाने वाले सेलिब्रेशन बीती बात हो गई है। ये सेलिब्रेशन बहुत सारी भावनाओं और चीजों का संयुक्त रूप था। टीम मेरे साथ थी और मददगार थी। बाहर बहुत सारी चीजें चल रही थीं।
अनुष्का की वजह से खड़ा हूं यहां...
विराट ने अपनी सफल वापसी का श्रेय पत्नी अनुष्को को देते हुए कहा, मैंने अपनी अंगूठी को चूमा। मैं आज खड़ा हूं तो यह एक शख्स की वजह से संभव हो सका है क्योंकि उन्होंने स्थितियों को मेरे पक्ष में किया वो अनुष्का हैं। मेरा ये शतक उन्हें और बेटी वामिका को समर्पित है। जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपके लिहाज से आपके परिपेक्ष्य में रहते हुए बातचीत कर रहा होता है, जैसा कि अनुष्का ने किया तो स्थितियां आसान हो जाती हैं।
छह सप्ताह के आराम ने दिया तरोताजा होने का मौका
विराट ने अंत में कहा, आराम के बाद जब मैं वापस लौटा तो अतिउत्साहित नहीं था। छह सप्ताह के आराम के बाद मैं तरोताजा महसूस कर रहा था। उस दौरान मुझे अहसास हुआ कि मैं शारीरिक और मानसिक रूप से कितना थक गया था। प्रतिस्पर्धा मुझे तरोताजा नहीं होने का वक्त नहीं दे रही थी। लेकिन इस ब्रेक ने मुझे एक बार फिर से खेल का लुत्फ उठाने की अनुमति दी।