- 18 मार्च 2012 को विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी 183 रन की पारी
- करो या मरो के मुकाबले में 330 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिलाई थी जीत
- रोहित शर्मा के साथ चौथे विकेट के लिए की थी 172 रन की साझेदारी
नई दिल्ली: साल 2012 में एशिया कप की मेजबान बांग्लादेश ने की थी। 18 मार्च को टूर्नामेंट का सबसे अहम मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था। ये मैच टूर्नामेंट में भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला था। भारतीय टीम के श्रीलंका के खिलाफ जीत और बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करने के बाद करो या मरो के मुकाबले में पाकिस्तान से भिड़ रही थी। जिसने एक दो जीत के साथ फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। भारत के लिए ये मैच करो या मरो का मुकाबला बन गया था। हालांकि उनके फाइनल में पहुंचने का फैसला बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले मैच पर टिका था।
जीत के लिए मिला 330 का विशाल लक्ष्य
इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। नासिर जमशेद(112) और मोहम्मद हफीज(105) ने पाकिस्तान को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 225 रन की साझेदारी की। दोनों ही खिलाड़ियों के शानदार शतक और यूनिस खान(52) के अर्धशतक की बदौलत पाकिस्तान ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 329 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
खराब रही भारत की शुरुआत
जीत के लिए 330 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और पारी की दूसरी ही गेंद पर गौतम गंभीर मोहम्मद हफीज की गेंद पर एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौट गए। ऐसे में बल्लेबाजी करने 22 साल के युवा विराट कोहली उतरे। दूसरी तरफ उनका साथ देने के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर थे। जिन्होंने एक मैच पहले ही 100 अंतरराष्ट्रीय शतक पूरे किए थे।
विराट और सचिन के बीच हुई शतकीय साझेदारी
विराट ने अपने सधे हुए अंदाज में पारी की शुरुआत की और सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर 15.4 ओवर में 100 रन के आंकड़े को पार कर लिया। इसके बाद विराट ने 52 गेंद पर 6 चौकों की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया। वहीं सचिन ने विराट के बाद 45 गेंद में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद सचिन 52 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। ऐसे में विराट का साथ देने रोहित शर्मा उतरे।
सचिन के आउट होने के बाद पिच पर पैर जमा चुके विराट कोहली ने रोहित शर्मा के सात मिलकर मैदान के चारों ओर शॉट जड़ने शुरू किए और तेजी से भागकर रन भी लेते रहे। दोनों ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दीं। विराट ने 97 गेंद में अपना शतक पूरा किया और इसके बाद 32.3 ओवर में भारतीय टीम को 200 रन के पार पहुंचा दिया। रोहित ने भी 62 गेंद पर अपने 50 रन पूरे कर लिए। रोहित और विराट की जोड़ी ने भारत को 44.5 ओवर में ही 300 रन के पार पहुंचा दिया।
पहली बार खेली 150 से ज्यादा रन की पारी
इससे पहले विराट ने 131 गेंद में 16 चौके और एक छक्के की मदद से वनडे क्रिकेट में पहली पार 150 रन के आंकड़े को पार करने में सफल रहे। दोनों खिलाड़ी टीम इंडिया को जीत के पार पहुंचा पाते उससे पहले रोहित 46वें ओवर में 305 के स्कोर पर उमर गुल का शिकार बनकर पवेलियन लौट गए। उन्होंने 83 गेंद पर 68 रन की पारी खेली। इसके बाद विराट भी 48वें ओवर की पहली गेंद पर गुल की गेंद पर लपके गए। उन्होंने आउट होने से पहले भारत को जीत की दहलीज पर अकेले पहुंचा दिया था। उन्होंने 148 गेंद पर 183 रन बनाए। अंत में सुरेश रैना और एमएस धोनी ने जीत की औपचारिकता पूरी कर दी और भारतीय टीम ने 13 गेंद और 6 विकेट रहते जीत हासिल कर ली।
गावस्कर ने कहा था हम कर रहे हैं भविष्य का दीदार
जब विराट कोहली और रोहित शर्मा पाकिस्तान के गेंदबाजों की धुनाई करते हुए रन जोड़ रहे थे जब सुनील गावस्कर ने कहा था कि हम भारतीय क्रिकेट के भविष्य को खेलता देख रहे हैं। आज आठ साल बाद देखें तो पता चलता है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं गावस्कर की ये भविष्यवाणी एकदम सटीक साबित हुई। आज दोनों ही खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम की धुरि बन चुके हैं जिनके इर्दगिर्द ही पूरा ताना बाना बुना जाता है।
गावस्कर की बात पर सचिन ने भी लगाई थी मुहर
एशिया कप के बाद सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने की उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में सचिन से जब ये पूछा गया था कि उनका ये रिकॉर्ड कौन तोड़ेगा तो उन्होंने विराट कोहली और रोहित शर्मा का नाम लिया था। विराट आज 8 साल बाद सचिन के सबसे ज्यादा वनडे शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गए हैं। और सचिन के 100 शतकों के बाद वो सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं।
यही बना सचिन का विदाई मैच
पाकिस्तान के खिलाफ ढाका का ये मैच सचिन तेंदुलकर के वनडे करियर का आखिरी मैच साबित हुआ था। सचिन ने इस मैच के बाद कोई वनडे मैच नहीं खेला और साल के आखिर में वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इस तरह अनायास रूप से जब भारतीय क्रिकेट का सबसे चमकता सितारा अपना आखिरी मैच खेल रहा था उसी दौरान एक युवा खिलाड़ी अपनी चमक बिखेरकर उन्हें विदाई दे रहा था। सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ ही वनडे करियर का 1989 में आगाज किया था और 2012 में उन्हीं के खिलाफ अंत भी किया।