- भारत-श्रीलंका दूसरा टेस्ट मैच - बेंगलुरू
- विराट कोहली पर फिर से टिक गई हैं सबकी नजरें
- दो कारण, कि विराट कोहली को इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा
विराट कोहली एक बार फिर मैदान पर होंगे और एक बार फिर करोड़ों फैंस की नजरें उन पर टिकी जाएंगी। ऐसा हम सिर्फ इसलिए नहीं कह रहे क्योंकि विराट कोहली जहां जाते हैं, ऐसा ही होता है। बल्कि लंबे समय से शतकों का सूखा झेल रहे इस पूर्व भारतीय कप्तान के पास इस सूखे को खत्म करने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा। इसके दो प्रमुख कारण भी हैं।
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पिछले 28 महीने से एक भी शतक नहीं जड़ सके है। आखिरी बार उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 2019 में कोलकाता के ईडेन गार्डन स्टेडियम पर गुलाबी गेंद टेस्ट में ही शतक जमाया था। उन्होंने उस पारी में 136 रन बनाये थे। उसके बाद से भारतीय कप्तान 28 पारियां खेल चुके हैं लेकिन टेस्ट शतक नहीं बना सके। अब एक बार फिर गुलाबी टेस्ट की बारी है। वो इस बीच 50 से ऊपर के स्कोर कई बार बना चुके हैं, बस बात है उन पारियों को बड़ी पारियों में बदलने की। आइए आपको बताते हैं कि दो प्रमुख कारण क्या हैं कि विराट को इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
पहला कारण
पहली वजह है कि वो अपने पसंदीदा एम चिन्नास्वामी स्टेडियम (बेंगलुरू) पर लौट रहे हैं जिस पर उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर आईपीएल खेलती है । मैदान से अच्छी तरह से वाकिफ होने का भी उन्हें फायदा मिलेगा। टीम इंडिया के इस पूर्व कप्तान के लिए ये एक सुनहरा मौका होगा क्योंकि वो श्रीलंकाई गेंदबाजों को संयम के साथ खेलने के साथ-साथ इस मैदान पर जरूरत पड़ने पर आक्रामक शॉट्स भी खेल सकते हैं। आईपीएल में हम इस मैदान पर ऐसा कई बार देख चुके हैं।
दूसरा कारण
इस टेस्ट में विराट कोहली पर सबकी नजरें इसलिए भी टिकी रहेंगी क्योंकि इस साल अपने मैदान पर ये उनका आखिरी मैच होगा। दरअसल, टीम इंडिया के लिये 2022 में अपनी जमीन पर ये आखिरी टेस्ट मैच है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के मौजूदा चक्र में 7 और टेस्ट मैच खेले जाने हैं। भारतीय क्रिकेट टीम दो टेस्ट मैच खेलने बांग्लादेश जाएगी और फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम चार टेस्ट के लिये 2023 में भारत आयेगी। इंग्लैंड दौरे पर बचा हुआ एक टेस्ट भी खेलना है। अगर भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में जगह बनानी है तो उन्हें ये सातों मैच जीतने होंगे।
ऐसे में कोहली के पास शतकों का सूखा खत्म करने के साथ-साथ हीरो बनने का मौका भी होगा। कप्तानी जाने व छोड़ने के बाद उनके साथ जितने विवाद जुड़े, उसको खत्म करने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा।