- वीवीएस लक्ष्मण ने हरभजन सिंह से जुड़ा एक मजेदार किस्सा बताया
- लक्ष्मण और हरभजन सिंह दोनों भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों में से शामिल रहे
- यह जोड़ी भारत की कई यादगार जीतों में एकसाथ खेली
नई दिल्ली: इतने सालों में भारतीय क्रिकेट खुशनसीब रहा कि उसे अलग-अलग प्रारूपों में कई मैच विजेता खिलाड़ी मिले। मैच फिक्सिंग कांड के बाद भारतीय टीम की नई शुरूआत सौरव गांगुली के नेतृत्व में 2000 में हुई। भारतीय क्रिकेट ने दोबारा अपने फैंस का विश्वास जीता और क्रिकेट को देश में धर्म का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांगुली युग में वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, मोहम्मद कैफ और एमएस धोनी जैसे युवा मिले।
वहीं राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे दिग्गजों ने टीम का समां बांध रखा था। यह बैच अपनी कहानियों और पुरानी यादों के जरिये आज भी फैंस के दिलों में राज करती है। हाल ही में वीवीएस लक्ष्मण ने भारत के 1999 ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर एक बेहद मजेदार किस्सा सुनाया, जिस पर अपनी हंसी रोक पाना मुश्किल है।
इस उलझन में रह गए थे भज्जी
लक्ष्मण ने खुलासा किया कि हरभजन सिंह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अपना जर्सी नंबर बताकर सभी को दंग कर दिया था। लक्ष्मण ने कहा, 'मुझे अभी भी ऑस्ट्रेलिया का पहला दौरा 1999 वाला याद है। सिडनी में आखिरी टेस्ट चल रहा था और इसके बाद वनडे सीरीज शुरू होना थी। हमारे मैनेजर मध्यप्रदेश के भार्गव सर ने सभी से उनकी जर्सी नंबर पूछ रहे थे, जो टी-शर्ट के पीछे छपने थे। जब भज्जी से पूछा गया कि आपको कौन सा नंबर चाहिए तो उन्होंने जवाब में एयर इंडिया का फ्लाइट नंबर लिखकर दे दिया।'
हरभजन सिंह ने इस अनोखे जर्सी नंबर के पीछे की कहानी बताई। अनुभवी ऑफ स्पिनर ने कहा, 'तब मेरा धन्यवाद मैंने दे दिया था और मुझे पता था कि घर वापस लौटना है। इसलिए मैंने कहा कि ए1777 या कुछ ऐसा ही, जो एयर इंडिया फ्लाइट का नंबर था। मुझे लगा कि घर लौटते समय की जर्सी बन रही होगी और मैं यात्रा के दौरान उसी जर्सी को पहनूंगा।' बता दें कि हरभजन सिंह और वीवीएस लक्ष्मण भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज क्रिकेटर के रूप में जाने जाते हैं।
जहां लक्ष्मण ने 8781 टेस्ट रन बनाए, वहीं भज्जी टेस्ट में भारत के तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। हरभजन सिंह और वीवीएस लक्ष्मण भारत की कई यादगार जीतों के एक साथ साक्षी रहे हैं। दोनों ने लंबे समय तक टीम इंडिया की सेवा की।