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बीसीसीआई घरेलू टी20 में लागू करने जा रहा है ये नया नियम, बढ़ेगा खेल का रोमांच

Updated Sep 18, 2022 | 06:00 IST

What Is Impact Player Rule: बीसीसीआई टी20 क्रिकेट के रोमांच को बढ़ाने के लिए इम्पैक्ट प्लेयर रूल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू करने जा रहा है। जानिए क्या है ये नियम और कैसे करेगा काम, कैसे बढ़ेगा रोमांच? 

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
मुंबई इंडियन्स( साभार MI)
मुख्य बातें
  • बीसीसीआई सैयद मुश्ताक अली टी20 में लागू करने जा रहा है नया नियम
  • इम्पैक्ट प्लेयर नियम को लेकर सभी राज्य क्रिकेट संघों को किया गया है मेल
  • अगर इसमें रहा सफल तो आईपीएल 2023 में किया जाएगा इसे लागू

नई दिल्ली:  बीसीसीआई टी20 क्रिकेट में एक नियम लागू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत 11 अक्टूबर से शुरू हो रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से होगी। इस बदलाव को इम्पैक्ट प्लेयर( Impact Player) या टैक्टिकल सब्सटीट्यूट (Tactical substitute) नाम से जाना जाएगा। बीसीसीआई ने राज्य क्रिकेट संघों को एक मेल भेजा है जिसमें 'इम्पैक्ट प्लेयर' नियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। 

इस नए नियम के अनुसार सभी टीमें मैच के दौरान इम्पैक्ट प्लेयर(टैक्टिकल सब्सटीट्यूट) के तौर पर एक खिलाड़ी को बदल सकती हैं। रणनीतिक तौर पर टीमों को मैच के दौरान प्लेइंग-11 में शामिल किसी एक खिलाड़ी की जगह अन्य खिलाड़ी को शामिल करने की अनुमति होगी। 

अगर रहा सफल तो आईपीएल-2023 में होगा लागू! 
बीसीसीआई टैक्टिकल सबस्टीट्यूट के नियम को आईपीएल में लागू करने के लिए पिछले कुछ सालों से आतुर है। लेकिन बोर्ड इस नए नियम को आगामी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू करने के लिए तैयार है। अगर घरेलू टी20 टूर्नामेंट में यह बगैर किसी परेशानी के काम करने में सफल रहा तो निश्चित तौर पर आईपीएल 2023 एक और नए नियम के साथ खेला जाएगा। इससे खेल का रोमांच और बढ़ जाएगा।
 
कैसे काम करेगा इम्पैक्ट प्लेयर नियम? 
1. सभी टीमों को मैच में टॉस के दौरान प्लेइंग-11 के साथ चार सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों के नाम का भी ऐलान करना होगा। इनमें से किसी एक खिलाड़ी को मैच में रणनीतिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने के बाद खेलने का मौका मिलेगा। 
2. सब्स्टीट्यूट प्लेयर को प्लेइंग-11 में शामिल खिलाड़ियों में से किसी एक की जगह दोनों पारियों के 14वें ओवर से पहले किसी भी वक्त एकादश में शामिल किया जा सकता है। 
3. यह नया खिलाड़ी चार ओवर गेंदबाजी करने के साथ बल्लेबाजी भी कर सकेगा।
4. बैटिंग कर चुके खिलाड़ी की जगह भी इस खिलाड़ी को टीम में शामिल किया जा सकता है लेकिन टीम के लिए केवल 11 खिलाड़ी ही बैटिंग कर पाएंगे। 
5 इम्पैक्ट प्लेयर किसी भी गेंदबाज को रिप्लेस कर सकता है। भले ही उसने इससे पहले कितने भी ओवर क्यों ना डाल चुका हो। 

इस नियम के क्या हैं फायदे?
1. इस नियम को मुख्य रूप से टॉस की वजह से पैदा होने वाले अंतर को पाटने के लिए लागू किया जा रहा है। टॉस हारने से होने वाले नुकसान की भरपाई इस नियम से हो सकती है।
2. किसी टीम को अगर टॉस हारने के बाद ओस के वक्त गेंदबाजी करनी पड़ती है तो वह अपने गेंदबाजी क्रम में एक अतिरिक्त बॉलर को शामिल करके इसकी भरपाई कर सकती है। 
3 जरूरत से ज्यादा टर्न ले रही या स्विंग हो रही पिच पर टीम लक्ष्य का पीछा करते वक्त एक अतिरिक्त बल्लेबाज को एकादश में शामिल कर सकती है। 
4. अगर मैच के दौरान कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो उसकी जगह अन्य खिलाड़ी को वापस लाया जा सकता है।
5. अगर किसी गेंदबाज को मैच में दो बीमर फेकने के बाद बॉलिंग करने से रोक दिया जाए तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को टीम में वापस लाया जा सकता है।

कैसे है बिग बैश के एक्स फैक्टर से अलग
इसी तरह का नियम बिग बैश में लागू है जिसे 'एक्स फैक्टर रूल' कहते हैं। इसमें प्लेइंग-11 के एक खिलाड़ी को बीच में, अगर मैच 20 ओवर का है तो पहली पारी के 10वें ओवर में बदला जा सकता है। बदलाव के तौर पर मैदान पर जाने वाला खिलाड़ी बल्लेबाजी नहीं कर सकता, साथ ही एक ओवर से ज्यादा गेंदबाजी भी नहीं कर सकता।

लेकिन बीसीसीआई का नियम इससे अलग है। यह बदले गए नए खिलाड़ी को ज्यादा आजादी देता है। वो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों कर सकता है। भले ही गेंदबाजी का वो अपना कोटा वो खत्म करके बाहर गया हो। नए खिलाड़ी को पूरे चार ओवर फेंकने की छूट होगी। बैटिंग में भी जा सकता है लेकिन टीम के लिए केवल 11 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी करने उतर सकते हैं।

वनडे के सुपर सब से भी है अलग
ये नियम साल 2005 और 2006 में वनडे क्रिकेट में लागू किए गए सुपर सब नियम से भी अलग है। उस नियम के मुताबिक सुपर सब के रूप में शामिल किया गया खिलाड़ी चॉस जीतकर पहले बैटिंग करने वाली टीम के लिए फायदेमंद होता था। बैटिंग कराने के बाद उस खिलाड़ी को गेंदबाज से बदल दिया जाता था और टीम को दोहरा फायदा मिल जाता था। ऐसे में उस नियम को बाद में खत्म कर दिया गया। 

कब लाया जा सकता है इम्पैक्ट प्लेयर को मैदान पर
इम्पैक्ट प्लेयर को ओवर की समाप्ति के बाद ही लाया जा सकता है। लेकिन दो मौकों पर ओवर खत्म होने से पहले बदलाव करने की छूट होगी। पहला बल्लेबाजी कर रही टीम विकेट गिरने के बाद किसी खिलाड़ी को शामिल करे। दूसरा, गेंदबाजी कर रही टीम चोटिल खिलाड़ी को ओवर के बीच में बदलना चाहे। इन दोनों मौकों पर ओवर खत्म होने से पहले खिलाड़ी को बदलने की छूट होगी। सब्सटीट्यूट किया गया खिलाड़ी मैच में आगे किसी भी रूप में भाग नहीं ले सकता है। यहां तक कि उसे फील्डिंग के लिए भी मैदान में नहीं भेजा जा सकता। 

बारिश का कैसा होगा असर? 
इम्पैक्ट प्लेयर का शामिल करने के नियम पर बारिश का असर भी पड़ेगा। अगर कोई मैच पूरे 20 ओवर के हिसाब से शुरू हुआ था और 10वें ओवर के बाद बारिश ने बाधा डाली और ओवरों में कटौती करनी पड़ी तो दोनों टीमों को इम्पैक्ट प्लेयर लाने की अनुमति होगी। लेकिन अगर मैच बारिश की वजह से पहले से ही 10 ओवर से कम का है तो उसमें ये नियम लागू नहीं होगा। 17 ओवर के मैच में 13 ओवर तक इम्पैक्ट प्लेयर को लाने की छूट होगी। 11 ओवर के मैच में ऐसा 9 ओवर तक किया जा सकेगा।  

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