- 69 साल बाद भी टीम इंडिया के माथे से नहीं मिटा है ये बदनुमा दाग
- बल्लेबाजी करते हुए किसी भी टीम ने नहीं की है ऐसी खराब शुरुआत
- चार बल्लेबाज खाता खोले बगैर लौट गए थे पवेलियन
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय टीम महज 36 रन पर ढेर हो गई थी। यह टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का सबसे खराब प्रदर्शन था। दूसरी पारी में पैट कमिंस और जोश हेजलवुड की कहर बरपाती गेंदों का भारतीय बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। एक-एक करके सारे सूरमा पवेलियन लौटते गए। 15 रन पर भारत ने पांच विकेट गंवा दिए थे और अंत में केवल 36 रन बना सकी।
लीड्स में टीम इंडिया का हुआ था बुरा हाल
लेकिन भारतीय टीम इससे भी पहले खराब शुरुआत कर चुकी है। साल 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए उस मैच में भारतीय टीम ने खाता खोले बगैर चार विकेट गंवा दिए थे। टीम इंडिया के ये प्रदर्शन आज भी टेस्ट क्रिकेट में सबसे खराब शुरुआत के लिए रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज है। हालांकि भारतीय तब इस खराब शुरुआत से उबरने में सफल रही थी। लेकिन मैच उसके हाथ से फिसल गया था।
पहली पारी में विजय हजारे ने जड़ा शतक
ये मैच साल 1952 में लेन हॉटन और विजय हजारे की कप्तानी वाली टीमों के बीच खेला गया था। टॉस जीतकर मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और विजय मांजरेकर की 133 रन की शतकीय और विजय हजारे की 89 रन की पारी की बदौलत 293 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए 334 रन बनाए और 41 रन की बढ़त हासिल की थी।
दूसरी पारी में जीरो के स्कोर पर पवेलियन लौट गए चार बल्लेबाज
पहली पारी में पिछड़ने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के शार्ष क्रम को बल्लेबाजों ने जॉर्ज ट्रूमैन, बेडसेर और जेनकिन ने झखझोर कर रख दिया। ओपनर पंकज रॉय, दत्ता गायकवाड़, एमके मंत्री और पहली पारी के शतकवीर विजय मांजरेकर भी अपना खाता नहीं खोल पाए थे। ऐसे में 26 रन के स्कोर पर पॉली उमरीगर भी 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
विजय हजारे ने खेली कप्तानी पारी
ऐसी खराब शुरुआत के बाद कप्तान विजय हजारे ने एक बार फिर मोर्चा संभाला और इस बार उनका साथ दत्तू फाडकर ने दिया। हजारे ने जहां 56 रन बनाए और फाडकर ने 64 रन की पारी खेली। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी हुई। 131 के स्कोर पर हजारे पवेलियन लौट गए। इसके बाद फिर से विकेटों की झड़ी लग गई और टीम 165 रन पर ढेर हो गई।
इसके बाद जीत के लिए मिले 125 रन के स्कोर को इंग्लैंड ने 7 विकेट रहते हासिल कर लिया। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ चार मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।