- अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप 2022
- भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को हराया
- रवि कुमार ने टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया
कोलकाता: अंडर-19 विश्व कप में रवि कुमार का नए हीरो के रूप में उभरना सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा नहीं है बल्कि इसमें केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ) में शामिल उनके पिता के बलिदान की भी भूमिका है जिन्होंने अपना अधिकांश जीवन देश की सेवा में लगा दिया। अलीगढ़ के 18 साल के रवि ने शनिवार को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट चटाककर भारत को रिकॉर्ड पांचवीं बार अंडर-19 चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओडिशा के नक्सलवाद प्रभावित रायगढ़ जिले में सीआरपीएफ शिविर में तैनात रवि के पिता असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह ने कहा, 'हम गोली चलाकर देश सेवा करते हैं और बेटा गेंद डाल के।'
ग्रेनेड धमाके में पिता हो गए थे घायल
रवि की उम्र काफी कम थी जब 2006 में श्रीनगर में ग्रेनेड धमाके में उनके पिता राजिंदर बुरी तरह घायल हो गए थे। इस हमले मे एक सैनिक मारा गया था जबकि 11 घायल हो गए थे। राजिंदर ने हालांकि इस हादसे की कहानी को अपने परिवार के साथ साझा नहीं किया। राजिंदर ने अपना लगभग पूरा जीवन श्रीनगर के आतंकवाद से प्रभावित इलाकों में बिताया लेकिन हमेशा सुनिश्चित किया कि उनकी पत्नी और तीन बच्चे शांति से जिएं और सोएं। ग्रेनेड हमले को याद करते हुए राजिंदर ने कहा, 'मैंने हमेशा सुनिश्चित किया कि मेरा परिवार खुश रहे, उन्हें उस दर्द के बारे में कुछ नहीं बताया जिसका सामना मैंने किया। यहां तक कि जब मेरे दोनों पैरों और हाथों में ग्रेनेड हमले में चोट लगी तो भी मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया। उन्हें इस बारे में टीवी से पता चला।'
बांग्लादेश के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
अंडर-19 विश्व कप में रवि के शानदार प्रदर्शन से सीआरपीएफ कैंप में राजिंदर भी सबसे चहेते बन गए हैं। रवि कुमार क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए। पिछले विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश ने ही भारत को हराया था। उन्होंने मैच में 14 रन देकर तीन विकेट चटकाए और भारत को सेमीफाइनल में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 37 रन देकर दो विकैट चटकाए और फिर फाइनल में राज बावा के साथ मिलकर नौ विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड पर भारत की चार विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाई।
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'वह सीनियर स्तर पर जगह बनाएगा'
देश की सेवा में घर से दूर रहने के कारण राजिंदर को एक क्रिकेटर के रूप में अपने बेटे की प्रगति के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। राजिंदर ने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर में तैनात था और हमेशा यात्रा करता रहता था। इसलिए मुझे बहुत अधिक जानकारी नहीं है कि उसने क्रिकेट खेलना कैसे शुरू किया। अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तरह वह सिर्फ मजे के लिए क्रिकेट खेलने में व्यस्त रहता था।' उन्होंने बताया, 'बात में मुझे पता चला कि अरविंद भारद्वाज ने उसे गंभीर क्रिकेट में डाल दिया है। शुरू में मैं चिंतित था क्योंकि करियर के रूप में क्रिकेट से जुड़ने में उसका समर्थन करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे लेकिन उसने सब कुछ खुद ही कर लिया। यह उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद करता हूं कि वह सीनियर स्तर पर जगह बनाएगा।'
पड़ोसी की मदद से बंगाल का रुख किया
रवि कुमार का सफर आसान नहीं रहा। उत्तर प्रदेश में मौका नहीं मिलने के बाद उन्होंने कोलकाता के अपने पड़ोसी की मदद से बंगाल का रुख किया। रवि कोलकाता जाने के बाद दूसरी डिविजन क्रिकेट में खेले। वह हावड़ा यूनियन और फिर बालीगंज यूनाईटेड से जुड़े। उन्हें पिछले साल बंगाल की अंडर-19 टीम में चुना गया। रवि हालांकि पिछले साल दिसंबर में अंडर-19 विश्व कप की तैयारी के लिए यहां भारत अंडर-19 ए, भारत अंडर-19 बी और बांग्लादेश अंडर-19 टीम के बीच हुई त्रिकोणीय श्रृंखला का हिस्सा नहीं थे।