- सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ के बारे में किया था बड़ा खुलासा
- सौरव गांगुली ने उप-कप्तान के लिए राहुल द्रविड़ को चुना था
- सौरव गांगुली ने अपनी किताब में इस बारे में खुलासा किया था
नई दिल्ली: सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट के दो स्तंभ के रूप में जाना जाता है। पहले दोनों ने बतौर क्रिकेटर देशसेवा की और अब प्रशासन में आकर यह लगातार क्रिकेट को अपने अनुभव से अपार सफलता दिलाने में मशगूल हैं। सौरव गांगुली जहां बीसीसीआई अध्यक्ष बने हुए हैं, वहीं राहुल द्रविड़ बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) के प्रमुख हैं।
भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सौरव गांगुली को काफी श्रेय दिया जाता है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि वो कप्तान सौरव गांगुली ही थे, जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने दुनिया में कही भी जीतने का साहस दिखाना शुरू किया था। गांगुली के नेतृत्व में ही भारतीय टीम ने दुनिया की दिग्गज टीमों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की और काफी सफलता हासिल की। कप्तान गांगुली ने एक खुलासा किया था कि आखिर उन्होंने राहुल द्रविड़ को उप-कप्तान के लिए क्यों चुना था? इस कप्तान-उप-कप्तान की जोड़ी ने टीम इंडिया को काफी सफलता दिलाई, जिसमें 2003 विश्व कप के फाइनल में पहुंचना शामिल है।
द्रविड़ को इसलिए बनाया था उप-कप्तान
सौरव गांगुली ने अपनी किताब ए सेंचुरी इज नॉट इनफ में खुलासा किया था कि उन्होंने एक झटके में ही उप-कप्तान के लिए राहुल द्रविड़ का नाम क्यों सुझाया था। गांगुली के पास दिग्गज क्रिकेटरों की भरमार थी, जिसमें सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग आदि शामिल थे। मगर गांगुली ने भारतीय क्रिकेट के अनसंग हीरो राहुल द्रविड़ को ही उप-कप्तान के रूप में उपयुक्त समझा। गांगुली ने अपनी किताब में लिखा, 'जब मैं पहली बार नए कप्तान के रूप में चयन समिति की बैठक में हिस्सा लेने गया, तो चयनकर्ताओं ने मुझसे पहले सवाल किया कि उप-कप्तान के रूप में आपको कौन चाहिए?'
गांगुली ने खुलासा किया, 'मैंने पलक भी नहीं झपकाई और कहा-राहुल द्रविड़। द्रविड़ और मेरा टीम को लेकर एक ही दृष्टिकोण था। कुछ लोगों को हैरानी भी हुई क्योंकि द्रविड़ को वनडे क्रिकेट के सबसे तेज बल्लेबाजों में से एक नहीं माना जाता था। मगर मुझे भरोसा था कि वही इस भूमिका में फिट हो सकता है। मैंने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत राहुल द्रविड़ के साथ की थी। हम दोनों ने साथ में थोड़ा जूनियर क्रिकेट भी खेला। उन्हें कोई हिला नहीं सकता था, और वो शांत रहते थे।'
गांगुली ने कहा, 'यह कप्तान के रूप में किसी के लिए भी सौभाग्य की बात होती कि वह युवाओं के आदर्श के साथ काम कर रहा है, जो शीर्ष स्तर का बल्लेबाज बनने के लिए अपना सबकुछ झोंक रहा है।' राहुल द्रविड़ को इस तरह टीम इंडिया की उप-कप्तानी मिली थी। आगे चलकर द्रविड़ को कप्तानी मिली और उन पर सौरव गांगुली को बाहर करने का आरोप भी लगा। मगर समय के साथ चीजें ठीक होती गईं। द्रविड़-गांगुली आज भी अच्छे दोस्त हैं और भारतीय क्रिकेट की सफलता के लिए अपना दम लगा रहे हैं।
द्रविड़-गांगुली का करियर
बता दें कि सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले। इनमें उन्होंने क्रमश: 7212 व 11,363 रन बनाए। गांगुली ने टेस्ट में 16 शतक और 35 अर्धशतक जमाए जबकि वनडे में 22 शतक और 72 अर्धशतक ठोके। वहीं राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट में 36 शतक और 63 अर्धशतकों की मदद से 13,288 रन बनाए। 344 वनडे में 12 शतक और 83 अर्धशतकों की मदद से उन्होंने 10,889 रन बनाए। 1 टी20 इंटरनेशनल मैच में द्रविड़ ने 31 रन बनाए।