- अफगानिस्तान-तालिबान संकट
- तालिबान का क्रिकेट स्टेडियम पर कब्जा
- अफगान टीम को पाक से सीरीज भी खेलनी है
तालिबान ने पूरी तरह अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। तालिबान ने देश के अन्य प्रांतों को हथियाने के बाद बाद हाल ही में राजधानी काबूल को कंट्रोल में लिया है। तालिबान के कब्जे के बाद से हालात बेकाबू हो हैं और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं। ऐसे में अफगानिस्तान में बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया है और देश के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। साथ ही खेलों को लेकर भी मुश्किल पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।
तालिबान का क्रिकेट स्टेडियम पर कब्जा
तालिबान ने सारे क्रिकेट स्टेडियम पर भी कब्जा जमाया लिया है, जिसके बाद खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में यूएई में टी20 विश्व कप खेला जाना है, जिसके लिए अफगानिस्तान टीम क्वालिफाई कर चुकी है। हालांकि, तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद टीम विश्व कप में खेले या नहीं, इसे लेकर स्थिति अभी अस्पष्ट है। दरअसल, तालिबान को खेल विरोधी माना जाता रहा है।
जानिए, कहां हैं अफगानिस्तानी खिलाड़ी
तालिबान के काबिज होने के बाद क्रिकेट फैंस के मन में सवाल है कि अफागनिस्तानी क्रिकेटर फिलहाल कहां हैं? बता दें कि अभी तीन अफगानी खिलाड़ियों के बारे में ही स्पष्ट जानकारी हैं। यह क्रिकेटर स्टार स्पिनर राशिद खान, ऑलराउंडर मोहम्मद नबी और स्पिनर मुजीब-उर-रहमान हैं। तीनों इस वक्त इंग्लैंड की 'द हंड्रेड' लीग में खेल रहे हैं। तीनों लीग खत्म होने तक यहीं रहेंगे। राशिद, नबी और मुजीब आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हैं। तीनों दुनिया की अलग-अलग लीग में खेलते हैं, जिसकी वजह से उन्हें ज्यादा समय देश से बाहर बिताना पड़ता है।
अफगान टीम बनाम पाक टी20 सीरीज
अफगानिस्तान को अगले महीने से पाकिस्तान के साथ तीन मैचों की टी20 सीरीज भी खेलनी है। पहले यह सीरीज यूएई में खेली जानी थी, लेकिन फिर इसे श्रीलंका शिफ्ट कर दिया। तालिबान के आने के बाद इस सीरीज पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड गारंटी नहीं दे पा रहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच टी20 सीरीज 1 सितंबर से शुरू होगी या नहीं। गौरतलह है कि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के सीईओ हामिद शिनवारी ने कहा था कि राजनीतिक बदलाव के बाद क्रिकेट को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि तालिबान इस खेल को ‘पसंद’ करता है और इसका समर्थन करता है।