- दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले हैं अंडर19 टीम के कप्तान यश ढुल
- 11 साल में सीखना शुरू किया था क्रिकेट का ककहरा
- पिता ने छोड़ दी थी बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए सेना की नौकरी
नई दिल्ली: बीसीसीआई ने रविवार को 14 जनवरी से वेस्टइंडीज की मेजबानी में आयोजित होने जा रहे अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया। टीम की कमान यश ढुल के हाथ में सौंपी गई है। यश दिल्ली के जनकपुरी इलाके से ताल्लुक रखते हैं। पश्चिमी दिल्ली ने भारत को कई दिग्गज क्रिकेटर दिए हैं। जिसमें वीरेंद्र सहवाग, इशांत शर्मा, आशीष नेहरा, विराट कोहली और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
इस सूची में रविवार को एक नया नाम यश ढुल का भी जुड़ गया। जिन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का कप्तान चुना गया है। जिसे साल 2008 में जिताकर विराट कोहली ने पूरी दुनिया के सामने अपनी छाप छोड़ी थी। उसके बाद उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पिता ने छोड़ दी थी बेटे के लिए नौकरी
यश के पिता विजय ढुल ने बेटे का क्रिकेट करियर संवारने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। परिवार का गुजारा सेना से रिटायर हुए दादाजी की पेंशन से होता था। यश के पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए तन-मन-धन सब लगा दिया। यश के पिता ने एशिया कप के लिए बेटे को कप्तान चुने जाने के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था 'मुझे यह सुनिश्चित करना था कि उसे कम उम्र से खेलने के लिए सबसे अच्छी किट और गियर मिलें। मैंने उसे सबसे अच्छे इंग्लिश विलो बैट दिए।' विजय ढुल ने बताया, यश के पास सिर्फ एक बल्ला नहीं था। मैं बल्ले अपग्रेड करता रहा। इसके लिए हमने अपने खर्चों में कटौती की।'
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यश का कोई नहीं है रोल मॉडल
11 साल की उम्र में यश ने क्रिकेट का ककहरा सीखने के लिए बाल भवन स्कूल एकेडमी ज्वाइन की थी। दाएं हाथ से मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले धुल को एक साल बाद यानी 12 साल की उम्र में ही दिल्ली की अंडर-14 टीम में शामिल होने का मौका मिल गया।
यश किसी भी खिलाड़ी को अपना रोल मॉडल नहीं मानते हैं। यश का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी खिलाड़ी खेलता है उससे काफी कुछ सीखा जा सकता है। वो हर किसी के खेल को बारीकी से फॉलो करते हैं और किसी की नकल नहीं करते।