- अक्टूबर 2017 में भारतीय टीम बनी थी दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम
- तब से लेकर अब तक तकरीबन चार साल तक पहना नंबर वन टेस्ट टीम का ताज
- आईसीसी के रैंकिंग नियमों की वजह से दो पायदान पीछे खिसकी टीम इंडिया
दुबई: विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पिछले चार साल से चली आ रही बादशाहत शुक्रवार को खत्म हो गई। अक्टूबर 2017 में आईसीसी रैंकिंग में पहले पायदान पर काबिज होने वाली भारतीय टीम को उस सीजन में शानदार प्रदर्शन का ईनाम था। उसने इस प्रदर्शन को आगे भी जारी रखा और पहले पायदान पर और किसी भी टीम को काबिज नहीं होने दिया।
नंबर वन बना ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड नंबर 2 पर कायम
लेकिन शुक्रवार को आईसीसी द्वारा जारी की गई आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भारत ऑस्ट्रेलिया(116) और न्यूजीलैंड( 115) से नीचे तीसरे पायदान पर खिसक गया है उसके 114 अंक है। साल 2003 में टेस्ट रैंकिंग की शुरुआत के बाद यह दूसरा मौका है जब चोटी की तीन टीमों के बीच इतना कम अंतर है। जनवरी 2016 में शीर्ष तीन टीमों के बीच केवल एक अंक का अंतर था जिसमें भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से केवल एक अंक से आगे थी।
2016-17 के प्वाइंट्स हो गए लैप्स
भारतीय टीम को टीम रैंकिंग में दो स्थान का नुकसान आईसीसी द्वारा सालाना अपडेट के नियमों की वजह से हुआ है। इस वजह से भारतीय टीम के साल 2016-17 के बीच किए गए शानदार प्रदर्शन के रिकॉर्ड को हटा दिया गया। इस दौरान टीम इंडिया ने 12 मैचों में जीत हासिल की थी जबकि एक मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा था। उस दौरान विराट सेना ने अपनी सभी पांचों श्रृंखलायें जीती थीं जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज भी शामिल थीं। वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया इस दौरान दक्षिण अफ्रीका और भारत दोनों से हार गया था।
इन मैचों के आधार पर तय हुई है नई रैंकिंग
ताजा अपडेट में मई 2019 के बाद खेले गये सभी मैचों की शत प्रतिशत और इससे पिछले दो वर्षों की 50 प्रतिशत रेटिंग जोड़ी गयी है। ऐसे में भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरों पर मिली हार की वजह से करीबी अंतर से रैंकिंग गंवानी पड़ी। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम को 1-2, इंग्लैंड में 1-4 और न्यूजीलैंड में 0-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि घरेलू सरजमीं पर उसका दबदबा बरकरार रखा और केवल एक मैच गंवाया। इसलिए भारतीय टीम के लिए इस बारीक अंतर को पाटकर फिर से नंबर वन बनना मुश्किल काम नहीं है।