- टी20 विश्व कप 2021 में भारत का सफर जल्द थम गया
- भारतीय क्रिकेट टीम सुपर-12 राउंड के पार नहीं जा सकी
- हेड कोच के तौर पर रवि शास्त्री का यह आखिरी टूर्नामेंट था
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हो गया है। टी20 विश्व कप 2021 बतौर हेड कोच शास्त्री का आखिरी टूर्नामेंट था। भारत प्रबल दावेदार के रूप में टूर्नामेंट में उतरा था पर सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाया। टीम इंडिया ने लीग चरण का अपना पांचवां और आखिरी मैच सोमवार को नामीबिया के खिलाफ खेला, जिसमें उसे 9 विकेट से जीत मिली। मैच के बाद शास्त्री ने अपनी विदाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक खास इंसान के प्रति सबसे अधिक सम्मान जताया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को सबसे बड़ा शुक्रिया कहा। बता दें कि साल 2014 में भारत के इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज हारने के बाद श्रीनिवासन ने शास्त्री को टीम डायरेक्टर नियुक्त किया था।
'...क्योंकि यह सभी मेरे सफर का हिस्सा थे'
शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे लगता है कि यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक बहुत अच्छा सफर रहा। मुझे पता है कि ड्रेसिंग रूम में यह मेरा आखिरी दिन है। मैंने अभी खिलाड़ियों से बात की है। मैं यह मौका देने के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने मुझ पर विश्वास किया कि मैं बतौर कोच काम कर सकता हूं। मैं नए कोच (राहुल द्रविड़) को शुभकमानाएं देना चाहता हूं।' शास्त्री ने कहा, 'मैं साथ ही उन सभी कमेटियों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो मुझे कोच के रूप में चुनने में शामिल थीं, जिसमें विनोद राय और उनकी टीम, सीओए थे। मैं इन सभी को इसलिए धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि यह सभी मेरे सफर का हिस्सा थे।'
'एन श्रीनिवासन को मुझसे ज्यादा यकीन था'
हालांकि, शास्त्री ने सबसे अधिक आभार श्रीनिवासन का व्यक्त किया, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में पावरफुल बीसीसीआई अध्यक्षों में से एक थे। शास्त्री ने कहा, 'लेकिन एक इंसान, जिसका मैं खासतौर पर जिक्र करना चाहूंगा - उनका नाम एन श्रीनिवासन है। श्रीनिवासन वह शख्स थे, जिन्होंने जोर देकर कहा था कि मैं 2014 में यह जिम्मेदारी संभालूं। वास्तव में मुझे विश्वास नहीं था कि मैं यह काम कर सकता हूं। मगर श्रीनिवासन को मेरी क्षमता पर मुझसे ज्यादा यकीन था।' शास्त्री ने पूर्व अध्यक्ष का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'और मुझे उम्मीद है, मैंने उन्हें निराश नहीं किया है। अगर सर (श्रीनिवासन) आप सुन रहे हैं तो मैं कहना चाहता हूं कि मुझे मौका मिला और मैंने बिना किसी एजेंडा के अपना काम किया।'