- यशस्वी जायसवाल ने आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया
- यशस्वी जायसवाल आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने
- भारत लौटने के बाद यशस्वी अपनी मां से मिले तो समां बंध गया
मुंबई: सड़कों पर पानी-पुरी बेचने वाला 2020 आईसीसी अंडर-19 विश्व कप का प्लेयर ऑफ द सीरीज बनता है। 18 साल के लड़के के लिए यह किसी सपने से कम नहीं है। भारतीय अंडर-19 टीम विश्व कप में अपने खिताब की रक्षा करने से भले ही चूक गई हो, लेकिन 18 साल के यशस्वी जायसवाल ने जबर्दस्त सुर्खियां बटोरी हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने पूरे टूर्नामेंट में गजब का प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के खिलाफ उनकी शतकीय पारी को क्रिकेट फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे। भारतीय क्रिकेट को इस साल यशस्वी जायसवाल के रूप में भविष्य का सुपरस्टार मिला है।
यशस्वी ने अंडर-19 विश्व कप में 6 पारियों में 400 रन बनाए। इसमें उन्होंने पांच बार 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया। दक्षिण अफ्रीका में संपन्न अंडर-19 विश्व कप के बाद जायसवाल अब देश लौट आएं हैं। यशस्वी का परिवार उत्तर प्रदेश के भदोही से मुंबई अपने बेटे से मिलने पहुंचा। यशस्वी को देखते ही उनकी मां चिंतित हो गईं। मासूम मां ने अपने बेटे को देखते ही कहा- 'कितना सूख गया है'। दरअसल, क्रिकेटर की मां अपने बेटे के दुबले होने से चिंतित दिखीं।
मां की बात पर हल्का मुस्कुराए यशस्वी
सात समंदर पार लौटे बेटे को देखते ही मां की आंखें हल्की नम हो चुकी थीं। यशस्वी का वजन घटना मां को चिंतित कर गया। मां ने अपने बेटे को देखकर कहा- 'कितना सूख गया है? ठीक से खाना नहीं खाता क्या?' हालांकि ओपनर के मुताबिक मां को फिटनेस स्तर के बारे में समझाना मुश्किल है। जायसवाल ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, 'मैं उन्हें फिटनेस के बारे में कैसे समझाऊं।'
अंडर-19 विश्व कप में किया धमाका
जायसवाल में एक बात जो सबसे अलग है, वो यह है कि वह लगातार अपने खेल में परिपक्वता लेकर आए। जायसवाल के लिए यह रूटीन हो चुका है कि वह सुबह उठकर अपने बारे में जानने की कोशिश करते हैं। इसकी सलाह उन्हें कोच ने दी थी। 18 साल के बल्लेबाज की दक्षिण अफ्रीका में सोच इस तरह थी कि वह अन्य लोगों से काफी ज्यादा समझदार नजर आए।
जायसवाल के हवाले से द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने कहा, 'मैं अपने बारे में जानता हूं। मुझे दुनिया से कुछ लेना-देना नहीं है। मैं अपनी जिंदगी आसान रखता हूं। स्पष्ट। मैं सुबह 5 बजे उठता हूं। सर ने मुझे कहा है कि मैं अपने आप से बात करूं, खुद को समझूं और खुद को प्रोत्साहित करूं। यहीं मैं करता हूं। इस समय यह जरूरी है कि आप अपने साथ समय बिताएं। मैं यह सोचने में समय नष्ट नहीं करता कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। मैं अपने आप को समझता हूं, यह ज्यादा जरूरी है।'
जायसवाल ने बताया कि वह सोशल मीडिया से परहेज करते हैं और उनके टीम साथियों ने उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जुड़ने की सलाह दी। हालांकि युवा बल्लेबाज के जीवन का लक्ष्य एकदम निर्धारित है कि उन्हें देश के लिए खेलना है। यशस्वी ने कहा, 'इस उम्र में भटकना आसान है। आपके विचार ही आपको बनाएंगे। जैसा सोचोगे, वैसा बनोगे। मेरे कुछ टीम साथियों ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया पर होना चाहिए। मुझे नहीं पता क्यों। बचपन से ही मैं स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है। मैंने अपना घर छोड़ा, अपने सभी सुख-सुविधाएं छोड़ी ताकि वहां पहुंच सकूं, जहां जाना चाहता हूं। भारतीय टीम के लिए खेलना मेरा सपना है और मैं इसके बिलकुल भी करीब नहीं पहुंचा हूं।'