- यशस्वी जायसवाल ने दलीप ट्रॉफी फाइनल में जमाया नाबाद दोहरा शतक
- यशस्वी जायसवाल ने 244 गेंदों में 23 चौके और तीन छक्के की मदद से नाबाद 209 रन बनाए
- वेस्ट जोन ने साउथ जोन के खिलाफ 319 रन की बढ़त हासिल की
कोयंबटूर: युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (209*) की नाबाद दोहरे शतकीय पारी से पश्चिम क्षेत्र ने दलीप ट्रॉफी फाइनल के पांच दिवसीय मुकाबले के तीसरे दिन शुक्रवार को दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ दूसरी पारी में तीन विकेट पर 376 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। जायसवाल ने 244 गेंद की नाबाद पारी में 23 चौके और तीन छक्के जड़े। उनकी शानदार बल्लेबाजी से पहली पारी में 57 रन से पिछड़ने के बाद पश्चिम क्षेत्र ने शानदार वापसी करते हुए दिन का खेल खत्म होने तक 319 रन की बढ़त कायम कर ली और उसके सात विकेट शेष है।
जायसावल ने इस दौरान तीसरे विकेट के लिए श्रेयस अय्यर (71) के साथ 169 और चौथे विकेट के लिए सरफराज खान (नाबाद 30) के साथ 58 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को मजबूती प्रदान की। इससे पहले दक्षिण क्षेत्र ने दिन की शुरुआत सात विकेट पर 318 रन से की, लेकिन इसमें सिर्फ नौ रन के इजाफे के साथ टीम की पूरी पारी सिमट गयी।
पहली पारी में महज एक रन बनाने वाले जायसवाल ने दूसरी पारी में सकारात्मक शुरुआत करते हुए तेज गेंदबाज बासिल थंपी और सीवी स्टीफन के खिलाफ तेजी से रन जुटाये। उन्होंने पहले विकेट के लिए प्रियांक पंचाल (40) के साथ पांच रन प्रति ओवर के हिसाब से 110 रन की साझेदारी की। दक्षिण क्षेत्र के कप्तान हनुमा विहारी ने शानदार लय में चल रहे साई किशोर (100 रन पर दो विकेट) को आक्रमण में लगाने में देरी की।
साई किशोर ने हालांकि गेंद से जिम्मा संभालते ही पंचाल को चलता किया। इसके बाद कृष्णप्पा गौतम (139 रन पर एक विकेट) ने अजिंक्य रहाणे (15) का विकेट चटकाया। कप्तानी रहाणे ने एक बार फिर बल्ले से निराश किया। जायसवाल और अय्यर ने इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आसान हुई परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए स्पिनरों के खिलाफ मन मुताबिक रन बटोरे। अय्यर ने 113 गेंद की पारी में चार चौके और दो छक्के जड़े।
बल्लेबाजी के लिए परिस्थिति आसान होने के बाद पश्चिम क्षेत्र दिन में एक और सत्र में बल्लेबाजी कर पारी घोषित करने की कोशिश करेगा ताकि उसके गेंदबाजों को दक्षिण क्षेत्र के 10 विकेट चटकाने के लिए पांच सत्र मिले। दक्षिण क्षेत्र को खिताब जीतने के लिए कम से कम इस मैच को ड्रॉ करना होगा। टीम लक्ष्य का पीछा कर या पहली पारी में बढ़त के आधार पर खिताब जीत सकती है।