भारतीय क्रिकेट को एक बार फिर डोपिंग का डंक लगा है। मंगलवार को बीसीसीआई ने तीन भारतीय क्रिकेटरों को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया और उनको निलंबित कर दिया गया। इन्हीं तीन खिलाड़ियों में एक बड़ा नाम भी शामिल है। 19 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का भी डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया और उन पर 8 महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बीसीसीआई ने अपने बयान में बताया कि फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान पृथ्वी शॉ का यूरीन सैंपल लिया गया था। उनके सैंपल की जांच में वाडा (विश्व एंटी डोपिंग संस्था) द्वारा प्रतिबंधित पदार्थ टर्बूटलाइन पाया गया। इसी के चलते बीसीसीआई के एंटी डोपिंग नियम आर्टिकल 2.1 के तहत उनको डोपिंग रोधी नियम (एडीआर) के उल्लंघन का दोषी पाया गया और उन पर 8 महीने का निलंबन लगाया गया है।
उनका मूत्र सैंपल फरवरी में लिया गया था इसलिए उस समय को आधार मानते हुए एडीआर के मुताबिक अब पृथ्वी शॉ 15 नवंबर 2019 तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। बीसीसीआई ने अपने बयान में ये भी जाहिर किया कि पृथ्वी शॉ ने माना है कि उन्होंने अपनी तबीयत ठीक करने के लिए वो पदार्थ लिया न कि प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए। सभी सबूतों और विशेषज्ञों की सलाह को मानते हुए बीसीसीआई ने शॉ की सफाई को कबूल किया और सहमति जताई कि उनकी अपात्रता के लिए आठ माह की अवधि को लागू किया जाना चाहिए।
पृथ्वी शॉ के अलावा इस कड़ी में दो अन्य क्रिकेटरों पर भी बीसीसीआई ने गाज गिराई है। विदर्भ के अक्षय दुलरवार और राजस्थान के क्रिकेटर दिव्य गजराज को भी अलग-अलग प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन व डोपिंग नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और उनको भी निलंबित किया गया है।
पृथ्वी शॉ ने इसके बाद अपनी सफाई भी पेश कर दी है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जो उनकी किस्मत में लिखा था वो उसको मंजूर करते हैं लेकिन उन्होंने इस पदार्थ का सेवन अंजाने में किया था क्योंकि वो तबीयत खराब होने के कारण कफ सीरप लेने गए थे जिसमें शायद उस पदार्थ के अंश मौजूद थे। पृथ्वी ने ये भी कहा है कि वो जल्द ही मजबूती से वापसी करेंगे।