- केएल राहुल ने वनडे में भारत के मिडिल ऑर्डर की समस्या सुलझाई
- राहुल ने नंबर-5 पर आकर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में शतक जमाया
- पंत के चोटिल होने के बाद से राहुल ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी बखूबी निभाई
नई दिल्ली। Virat Kohli decision on KL Rahul: लंबे समय से चली आ रही टीम इंडिया की परेशानी का हल केएल राहुल के रूप में निकल गया है। पिछले कुछ समय से भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर दमदार प्रदर्शन नहीं कर रहा था। टीम अपने टॉप ऑर्डर पर पूरी तरह निर्भर रह रही थी। मगर अब श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के रूप में 'मेन इन ब्ल्यू' की समस्या हल हो गई है। इन दोनों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न वनडे सीरीज में कमाल का प्रदर्शन करके मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की कर ली है। राहुल और अय्यर ने मिलकर तीन मैचों में 421 रन बनाए जबकि भारतीय टीम के अन्य बल्लेबाज 423 रन बना सके। केएल राहुल भारतीय टीम के लिए ज्यादा खुशियां लेकर आएं। वह न सिर्फ बल्ले से बल्कि विकेटकीपिंग से भी अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे।
रिषभ पंत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में कनकशन के कारण फील्डिंग करने नहीं आए थे। तब केएल राहुल ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली थी और अब नतीजा यह निकला कि राहुल सीमित ओवर प्रारूप में विकेटकीपिंग और बल्लेबाज की दोहरी भूमिका निभा रहे हैं जबकि रिषभ पंत बेंच गर्म कर रहे हैं। राहुल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे व अंतिम वनडे में पांचवें नंबर पर आकर शतक जमाया और अपनी उपयोगिता साबित की। वह विराट कोहली के तुरुप का इक्का बनते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल टी20 इंटरनेशनल मैचों में ओपनिंग कर रहे हैं जबकि वनडे में वह मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे हैं। पिछले साल अगस्त-सितंबर से वह टेस्ट टीम से बाहर हैं, वरना वहां भी वह टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज हैं।
क्या कोहली अपना रहे गांगुली का फॉर्मूला?
साल 2003 विश्व कप से पहले सौरव गांगुली ने एक पैंतरा चलकर राहुल द्रविड़ को विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी सौंपी थी। गांगुली का मानना था कि द्रविड़ टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन सिर्फ बल्लेबाज के रूप में उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करना सबकुछ नहीं है। अगर द्रविड़ दोहरी भूमिका निभाते हैं तो टीम के पास एक अतिरिक्त खिलाड़ी को खिलाने का विकल्प खुल जाएगा। मौजूदा समय में भारतीय कप्तान विराट कोहली कुछ ऐसी ही भूमिका केएल राहुल से करा रहे हैं। राहुल पर विकेटकीपिंग और बल्लेबाज की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोहली का मानना है कि राहुल के इस तरह भूमिका निभाने से एक अतिरिक्त खिलाड़ी को शामिल करने का मौका मिल रहा है।
कहीं भारत को भारी न पड़ जाएं
विराट कोहली ने जब केएल राहुल से विकेटकीपिंग कराई थी तो उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में गांगुली-द्रविड़ के किस्से का जिक्र भी किया था। मगर कहीं विराट कोहली का यह फैसला भारत को भारी न पड़ जाएं क्योंकि तब और अब के समय में क्रिकेट काफी बदल चुकी है। आज की तुलना में तब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कम होता था। आज के समय में क्रिकेट कार्यक्रम काफी व्यस्त हो चुका है। खिलाड़ियों की फिटनेस ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होती है। क्या राहुल से लगातार सीमित ओवर क्रिकेट में विकेटकीपिंग कराना सही फैसला होगा? राहुल को हर साल आईपीएल में भी हिस्सा लेना है। इसके अलावा उन्हें लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी सक्रिय रहना है। इतनी ज्यादा क्रिकेट खेलने से कही उनकी फिटनेस पर खराब असर नहीं हो और ये पैंतरा फिर टीम इंडिया को भारी न पड़ जाए।
भारत के पास संजू सैमसन, रिषभ पंत और कई युवा विकेटकीपर बल्लेबाज विकल्प के रूप में मौजूद हैं। ऐसे में राहुल से इतनी सारी अपेक्षाएं करना भारतीय टीम को भारी न पड़ जाएं। हालांकि, राहुल ने पिछली दो सीरीज में जिस तरह प्रदर्शन किया है, उससे उनसे इस तरह की उम्मीद लगाना जायज भी है। राहुल इस समय बेहतरीन लय में हैं और हर मैच में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन
केएल राहुल ने मौजूदा वनडे सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया है। कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने हैमिल्टन में खेले गए पहले वनडे में नाबाद 88 रन बनाए थे। इसके बाद वह दूसरे वनडे में कुछ खास नहीं कर सके और केवल 4 रन बनाकर आउट हो गए। अब माउंट मॉनगनुई में राहुल ने तीसरे वनडे में शतक जड़ दिया। इस तरह मौजूदा सीरीज में राहुल ने तीन मैचों में 204 रन बनाए। मौजूदा सीरीज में राहुल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। राहुल ने इसके अलावा बतौर विकेटकीपर भी उम्दा काम किया।
कोहली को पछाड़ा
केएल राहुल ने सबसे कम पारियों में 4 वनडे शतक जमाने के मामले में कप्तान विराट कोहली को पीछे छोड़ा। राहुल ने 31 पारियों में चौथा वनडे शतक पूरा किया जबकि कोहली को ये कमाल करने के लिए 36 पारियां लगी थीं। वैसे, भारत की तरफ से सबसे कम पारियों में 4 वनडे शतक जमाने का रिकॉर्ड शिखर धवन के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने 24 पारियों में ये कमाल किया। राहुल ने इसके साथ ही तीन साल का सूखा भी खत्म किया। वह पांचवें नंबर पर खेलते हुए शतक लगाने वाले तीन साल में पहले भारतीय बल्लेबाज बने। इससे पहले एमएस धोनी ने 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें नंबर पर आकर 134 रन बनाए थे।