- चहल ने धोनी जैसी भूमिका निभाते हुए कप्तान कोहली को डीआरएस लेने से रोका
- भारतीय कप्तान कोहली चाहते थे कि मार्टिन गप्टिल के खिलाफ डीआरएस का सहारा ले
- मार्टिन गप्टिल दूसरे वनडे में 79 रन बनाने के बाद रनआउट होकर पवेलियन लौट गए
ऑकलैंड: भारतीय टीम अब बिना एमएस धोनी के आगे बढ़ने में जुटी हुई है। क्रिकेट फैंस को जहां धोनी के अगले कदम का इंतजार है, वहीं टीम इंडिया से उनकी गैर-मौजूदगी को 6 महीने से ज्यादा हो चले हैं। धोनी की गैर-मौजूदगी का सबसे बड़ा असर भारतीय कप्तान विराट कोहली पर पड़ा है, जिन्हें पूर्व कप्तान के मार्गदर्शन और सलाह नहीं मिल रही है। धोनी और कोहली के बीच काफी अच्छा रिश्ता है।
31 साल के कोहली को धोनी ने डीआरएस संबंधी फैसले लेने में कई बार मदद की है। हालांकि अब जब भारतीय टीम में धोनी नहीं हैं तो उनकी जिम्मेदारी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने निभाने का फैसला किया। भारत और न्यूजीलैंड के बीच शनिवार को ऑकलैंड में खेले जा रहे दूसरे वनडे के दौरान चहल ने डीआरएस संबंधी फैसले में मदद की और कप्तान कोहली को अहम सुझाव दिया। यह घटना न्यूजीलैंड पारी के शुरुआती समय की है।
शार्दुल ठाकुर की गेंद मार्टिन गप्टिल के दाएं पैर के पैड्स पर जाकर लगी। भारतीय टीम ने एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील की। गेंदबाज नेकप्तान कोहली को डीआरएस लेने के लिए कहा। हालांकि, कोहली ने केएल राहुल और युजवेंद्र चहल से बात की। अन्य खिलाड़ियों की तुलना में चहल ज्यादा सक्रिय नजर आए और उन्होंने इशारे से बताया कि बल्ले का अंदरूनी भाग गेंद पर लगा, जिसके बाद गेंद पैड्स पर जाकर लगी।
यहां देखिए डीआरएस घटना वाला पूरा वीडियो
वीडियो में दिख रहा है कि चहल ने स्थिति को समझते हुए और खेल का ज्ञान होने को साबित करते हुए कप्तान कोहली को डीआरएस नहीं लेने का सुझाव दिया। चहल ने धोनी जैसी भूमिका निभाते हुए विराट कोहली को डीआरएस लेने से रोक दिया। गप्टिल ने अपनी पारी आगे बढ़ाई, लेकिन 79 रन बनाने के बाद वह रनआउट होकर पवेलियन लौट गए। बता दें कि युजवेंद्र चहल को दूसरे वनडे में कुलदीप यादव की जगह शामिल किया गया था। चहल ने 10 ओवर के अपने कोटे में 58 रन देकर तीन विकेट झटके।
चहल ने टिम साउथी, मार्क चैपमैन और हेनरी निकोल्स को अपना शिकार बनाया। बता दें कि यह मुकाबला भारत के लिए करो या मरो की स्थिति का है।