- चेन्नई सुपर किंग्स की आईपीएल 2020 में सातवीं हार
- 10 मैचों में सिर्फ तीन में जीती है धोनी सेना
- राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ करारी शिकस्त के बाद धोनी का बयान
नई दिल्लीः सोमवार को अबु धाबी में खेले गए आईपीएल 2020 के एक अहम मैच में राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को 7 विकेट से करारी शिकस्त दे दी। मैच में चेन्नई की टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला लिया था लेकिन उनका ये फैसला पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ क्योंकि वे 20 ओवर में 5 विकेट गंवाकर सिर्फ 125 रन बना पाए जो कि इस आईपीएल में पहले बैटिंग करने वाली किसी भी टीम का न्यूनतम स्कोर था। राजस्थान ने 15 गेंदें शेष रहते इस लक्ष्य को 3 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। मैच के बाद धोनी ने क्या कहा, आइए जानते हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स की इस शर्मनाक हार के बाद अंक तालिका में भी बड़ा फेरबदल हो गया। ये टूर्नामेंट के 10 मैचों में चेन्नई की सातवीं हार थी। राजस्थान 8 अंकों के साथ नंबर.5 पर पहुंच गई जबकि चेन्नई सुपर किंग्स 6 अंकों के साथ फिर से आखिरी स्थान पर फिसल गई है। अब चेन्नई सुपर किंग्स के ऊपर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। अब उन्हें सिर्फ पेचीदा अंक गणित, हर मैच में जीत और विरोधी टीमों का प्रदर्शन ही कुछ करिश्मे के साथ कायम रख सकता है।
चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मैच के बाद कहा कि उनकी टीम को परिणाम नहीं बल्कि प्रक्रिया पर गौर करने की जरूरत है और इसके लिये उसे आगे के मैचों में ठोस कदम उठाने होंगे। धोनी ने कहा, ‘परिणाम हमेशा आपके अनुकूल नहीं होता है। हमें देखना होगा कि क्या प्रक्रिया गलत थी। परिणाम इस प्रक्रिया का नतीजा होता है। यही सच्चाई है कि अगर आप प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित रखते हो तो परिणाम को लेकर बेवजह का दबाव टीम पर नहीं पड़ता है। हम इससे निबटने का प्रयास कर रहे हैं।’
क्या गेंदबाजों को लेकर गलत फैसले लिए?
धोनी ने पहले नौ ओवरों में ही दीपक चाहर (18 रन देकर दो) और जोश हेजलवुड (19 रन देकर एक) का कोटा पूरा करवा दिया था। उन्होंने कहा कि पहली पारी की तरह स्पिनरों को दूसरी पारी में अधिक मदद नहीं मिल रही थी। धोनी ने कहा, ‘तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही थी। इसलिए मैंने यह देखने के लिये कि गेंद कितना रुककर बल्ले पर आ रही बीच में एक ओवर (रविंद्र) जडेजा को दिया। यह पहली पारी की तरह नहीं था इसलिए मैंने तेज गेंदबाजों से अधिक ओवर करवाये। मुझे नहीं लगता कि स्पिनरों को बहुत मदद मिल रही थी।’