- एमएस धोनी ने किया है रवींद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने की वजह का खुलासा
- बताया नहीं सहन कर पाए दबाव, खेल पर पड़ रहा था उल्टा असर
- पिछले साल ही जडेजा को मिल गई थी नए सीजन में कप्तान बनाए जाने की जानकारी
पुणे: एमएस धोनी के आईपीएल 2022 के बीच दोबारा से चेन्नई सुपर किंग्स की कमान संभालते ही टीम एक बार फिर जीत की पटरी पर लौट आई है। चेन्नई को चार बार खिताबी जीत दिलाने वाले करिश्माई कप्तान एमएस धोनी की ने बतौर सीएसके के कप्तान अपनी दूसरी पारी का आगाज सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 13 रन के अंतर से जीत के साथ किया। डिफेंडिंग चैंपियन चेन्नई की यह 9 मैच में तीसरी जीत है। प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए चेन्नई को अपने बाकी बचे पांचों मैंच जीतने होंगे।
जडेजा की कप्तानी में सीएसके ने जीते 8 में से 2 मैच
सीएसके ने आईपीएल 2022 के आगाज से दो दिन पहले रवींद्र जडेजा को धोनी का उत्तराधिकारी घोषित किया था और उनके हाथ में टीम की कमान सौंप दी थी। जडेजा की कप्तानी में टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और 8 मैच में से केवल 2 में जीत दर्ज कर सकी।ऐसे में धोनी ने रवींद्र जडेजा के हाथों में कप्तानी सौंपे जाने के बारे में बड़ा खुलासा हैदराबाद के खिलाफ टीम की 13 रन से जीत के बाद किया।
पिछले सीजन से ही जडेजा पता था बनेंगे कप्तान
धोनी ने कहा कि जडेजा की पिछले सीजन से ही पता थी कि आईपीएल 2022 में टीम की कमान उनके हाथों में आ सकती है। ऐसे में खुद को इस भूमिका के लिए तैयार करने के लिए जडेजा को पर्याप्त वक्त मिला। धोनी ने जडेजा की कप्तानी के बारे में कहा, पिछले सीजन के दौरान ही जडेजा को पता चल गया था कि अगले सीजन में उन्हें टीम की कप्तानी करनी होगी। इसलिए उनके पास तैयार होने के लिए पर्याप्त वक्त था। मैं चाहता था कि टीम में ये बदलाव हो। और वो टीम को संभाले ये सबसे अहम बात थी।'
पहले दो मैच में की जडेजा की कप्तानी में मदद
सीजन के शुरुआती मैचों में विकेट के पीछे से जडेजी की कप्तानी में मदद करने के बारे में धोनी ने कहा, मैं नहीं चाहता था कि वो ऐसा महसूस करें कि वो केवल टॉस करने जा रहे हैं और कप्तानी कोई और करेगा। पहले दो मैचों मैंने उनके काम की देखरेख की और कुछ सलाह दी। इसके बाद मैंने सबकुछ जडेजा के ऊपर छोड़ दिया कि वो निर्णय करें कि फील्डिंग में कौन सा एंगल चाहते हैं। यह एक बदलाव था, पहले दो मैचों में मैंने कहा कि फील्डिंग में क्या एंगल होगा मैं ये बताने में मदद करुंगा।'
उसके बाद कर दिया कप्तानी में मदद से इनकार
धोनी ने आगे कहा, इसके बाद( दो मैच बाद) जब वो मेरे पास सलाह के लिए आए तो मैंने मना कर दिया कि तुम निर्णय लो कि क्या करना है। ऐसा करके ही आप समझेंगे कि कप्तानी क्या होती है। बच्चे की तरह चम्मच से खिलाना या कहें हर बात पर सलाह देना कप्तान के लिए फायदेमंद नहीं होता है। आपको मैदान पर वो अहम निर्णय लेने होंगे और उन निर्णयों की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।
कप्तानी का दबाव जडेजा नहीं कर पाए सहन
कप्तानी आपके हाथ में वापस सौंपते वक्त जडेजा ने आपके क्या कहा? इसके जवाब में धोनी ने कहा, जब आप कप्तानी करते हैं तो आपके लिए बहुत सारी चीजों पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। जिसमें अपने खेल पर ध्यान देना भी शामिल होता है। आपका दिमाग बहुत ज्यादा काम करता है। आपके लिए अपने दिमाग पर नियंत्रण करना आसान नहीं होता है यह शरीर का सबसे मजबूत अंग है। एक बार आपका दिमाग काम करने लगता है तो वो बहुत योगदान देना चाहता है।
खेल पर भी पड़ रहा था विपरीत असर
कप्तान बनने के बाद आपके दिमाग में हमेशा चलता रहता है किस कॉम्बिनेशन के साथ मुझे मैच में उतरना चाहिए, किस स्थिति में किससे गेंदबाजी कराना चाहिए, यह सब कभी रुकता नहीं है, व्यक्ति का दिमाग शांत नहीं होता है भले ही वो अपनी आंखें क्यों ना बंद कर ले। मुझे लगता है कि इस सबका असर उसके(जडेजा) के खेल पर भी पड़ रहा था। जब वो बल्लेबाजी करने जा रहा था या मैच की तैयारी कर रहा था, तब ये सब उसके खेल को भी प्रभावित कर रहे थे।
इस रूप में स्वीकार हैं जडेजा
धोनी ने अंत में कहा, मैं अपनी टीम में जडेजा को एक बल्लेबाज, गेंदबाज और फील्डर के रूप में रखना पसंद करूंगा। अगर कप्तानी छोड़ने के बाद आप अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होते हैं तो वो भी हमारे लिए अच्छा है। जडेजा के साथ ऐसा होने से आप एक डीप मिड विकेट के अच्छे फील्डर को खो देते हैं। अबतक हम 17-18 कैच टपका चुके हैं।