- आईपीएल में वो क्रिकेटर्स जो अलग-अलग कारणों से जेल जा चुके हैं
- इंडियन प्रीमियर लीग का विवादों से गहरा नाता रहा है
- आईपीएल में मैच फिक्सिंग से लेकर स्लेप गेट कांड हो चुके हैं
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का शुरूआत से ही विवादों से गहरा नाता रहा है। स्लेपिंग गेट से लेकर मैच फिक्सिंग के आरोपों तक इस लीग ने सबकुछ देखा है। हालांकि, कुछ ऐसी भी घटनाएं हुईं जब इज्जतदार क्रिकेटरों से जेल की हवा भी खाई। कई कारणों से आईपीएल के दौरान खिलाड़ियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों ने क्रिकेट जगत और दुनिया को हिलाकर रख दिया। कुछ तो मैच फिक्सिंग के आरोप में पकड़े गए तो अन्य क्रिकेटर्स सट्टेबाजी या रेव पार्टी में पकड़ाए। एक क्रिकेटर पर तो बलात्कार तक का आरोप लग चुका है।
आज हम आपको ऐसे ही 'बदमाश' क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें गलत हरकतों के कारण पुलिस ने आईपीएल के दौरान गिरफ्तार किया।
5 घटनाएं जब क्रिकेटर्स को पुलिस ने आईपीएल के दौरान गिरफ्तार किया
1) एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंडीला - 2013 में दिल्ली पुलिस की विशेष ईकाई ने गिरफ्तारी करके पूरे देश को हैरान कर दिया। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के दो क्रिकेटर्स अजित चंडीला व अंकित चव्हाण को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया। दिल्ली पुलिस तब आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच कर रही थी, जिनमें ये तीनों क्रिकेटर्स दोषी पाए गए थे।
श्रीसंत को मुंबई में दोस्त के घर से गिरफ्तार किया गया। अजित चंडीला और अंकित चव्हाण को दिल्ली के होटल से गिरफ्तार किया गया। बाद में खुलासा हुआ कि ये तीनों क्रिकेटर 40,000 हजार करोड़ रुपए के स्पॉट फिक्सिंग कांड में शामिल थे। श्रीसंत ने टॉवेल से बुकी को संकेत दिए थे। वहीं चंडीला और चव्हाण ने प्रति ओवर 60 लाख रुपए में स्पॉट फिक्सिंग तय की थी। चंडीला के बारे में पता लगा कि वह संकेत देना भूल गए थे और उनसे पैसे वापस मांगे जा रहे थे। इससे लीग की प्रतिष्ठा पर गहरा दाग लगा था। 2015 में तीनों खिलाड़ियों पर से जुर्माना हटा लिया गया।
2) राहुल शर्मा और वेन पार्नेल - 2012 में लेग स्पिनर राहुल शर्मा और दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज वेन पार्नेल को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया था। दोनों खिलाड़ी उस सीजन में पुणे वॉरियर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। मुंबई के करीब एक होटल में रेड में ये दोनों खिलाड़ी धराए थे। ऐसा आरोप था कि उस होटल में ड्रग का सेवन किया जा रहा है। उस पार्टी में मौजूद 86 लोगों के खिलाफ 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी।
उस पार्टी में विदेशी के रूप में शामिल वेन पार्नेल को चार्ज शीट में प्रमुख आरोपी दर्शाया गया। दोनों ही क्रिकेटर्स ने खुद को बेगुनाह बताया। राहुल ने कहा कि वह पार्नेल के साथ एक बर्थ-डे पार्टी में शामिल हुए थे। पार्नेल ने कहा कि वह शराब पीकर डांस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह गलत समय पर गलत जगह पर मौजूद थे। बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि दोनों ही खिलाड़ी उन 42 लोगों में शामिल थे, जिनका ड्रग्स टेस्ट पॉजिटिव आया था।
3) ल्यूक पोमर्सबाख - जब राहुल शर्मा और वेन पार्नेल वाली घटना हुई, उसी समय के आस-पास एक और घटना हुई, जिसने आईपीएल को तगड़ा झटका दिया। इस बार एक और विदेशी खिलाड़ी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरसीबी के विदेशी खिलाड़ी ल्यूक पोमर्सबाख को अमेरिकी महिला का शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आगे यह भी खुलासा हुआ था कि पोमर्सबाख ने अमेरिकी महिला के ब्वॉयफ्रेंड को दिल्ली के पांच सितारा होटल में पीटा था।
दिल्ली डेयरडेविल्स और आरसीबी के मुकाबला के बाद यह घटना घटी थी। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 323, 454 और 511 के तहत मामला दर्ज दर्ज किया गया। कोर्ट में पेश करने से पहले पोमर्साख बेहोश हो गए थे। हालांकि, यह आरोप बाद में हटा लिया गया क्योंकि दोनों पार्टियों ने कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया। क्रिकेटर फिर आरसीबी के लिए उस सीजन में एक भी मैच खेलते हुए नजर नहीं आया।
4) तुषार अरोठे - बड़ौदा के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर तुषार अरोठे भी सलाखों के पीछे जा चुके हैं। अरोठे 100 फर्स्ट क्लास गेम्स खेलने वाले गुजरात के पहले खिलाड़ी हैं। संन्यास के बाद उन्होंने कोचिंग की भूमिका अपनाई और भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच बने। 2019 में तुषार अरोठे को बड़ौदा पुलिस ने दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच में सट्टेबाजी करने के लिए 18 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया।
अरोठे को बाद में जमानत पर रिहा किया गया। हालांकि, पूर्व ऑलराउंडर ने इन सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने खुद को निर्दोष करार दिया और कहा कि वह कभी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते हैं।
5) नयन शाह - 2017 में महाराष्ट्र का युवा क्रिकेटर आईपीएल में सट्टेबाजी के कारण गिरफ्तार हुआ। कानपुर पुलिस ने अंडर-19 क्रिकेटर और सट्टेबाजी रैकेट का कनेक्शन खोजा। यह आरोप था कि नयन ने पिच की जानकारी एडवांस में देने के लिए 15 लाख रुपए लिए थे। उनके मोबाइल फोन से मुंबई पिच की फोटोग्राफ बरामद की गई और यह बताया गया कि पूरे आईपीएल टूर्नामेंट में उनका करार था।
कानपुर में शाह ने रमेश कुमार को नियुक्त किया था। वह ग्रीन पार्क में कर्मचारी था और पिच पर ज्यादा पानी डालकर उसे धीमा करने के लिए उसे 5,000 रुपए दिए गए थे। पहली नजर में यह सामने आया कि पिच से छेड़छाड़ और देशभर में बुकियों को जानकारी भेजकर पैसे कमाना इस युवा क्रिकेटर का काम था। इसके अलावा यह भी शक हुआ कि नयन कुछ खिलाड़ियों से संपर्क करके उन्हें मैच फिक्सिंग में घसीटने की योजना बना रहा था।