- एमएस धोनी आज 39 साल के हो गए हैं
- धोनी ने अपने करियर में कई शानदार पारियां खेली, जिसमें से ये पांच खास हैं
- एमएस धोनी एक साल से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर हैं
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी की एक अलग जगह है। वह दर्शकों के चहेते तो हैं ही, साथ ही साथ उन्होंने विश्व क्रिकेट में अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से डंका बजाया है। यही वजह है कि एमएस धोनी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर की उपाधि दी गई है। धोनी भारतीय क्रिकेट टीम इतिहास के सबसे दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार हैं।
वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो कभी बल्ले से तो कभी विकेट कींपिंग से तो कभी मैदान पर अपने सूझ-बूझ भरे फैसलों से विरोधी टीम को चित कर चुके हैं। उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल और चपल कप्तानों की सूची में शामिल किया जाता है। वो क्रिकेट में एकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईसीसी के तीनों बड़े खिताब( टी-20 विश्व कप, वनडे विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी) बतौर कप्तान अपने नाम किए हैं।
धोनी उन दिग्गजों में से एक हैं जिन्होंने करियर की शुरुआत में अपनी एक ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के दम पर बनाई। इसके बाद समय के साथ उनकी बल्लेबाजी का अंदाज बदलता चला गया लेकिन उनके करियर की कुछ ऐसी पारियां हैं, जो क्रिकेट फैंस के दिलो-दिमाग पर हमेशा ताजा रहेंगी। आज हम आपको धोनी की कुछ ऐसी ही जबरदस्त और यादगार पारियों के बारे में बताने व दिखाने जा रहे हैं, जिन्हें आप बार-बार देखना चाहेंगे।
- बांग्लादेश के खिलाफ निराशाजनक तरीके से रन आउट होकर अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले धोनी ने क्रिकेट प्रेमियों के दिल पर अपनी पहली छाप चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ छोड़ी थी। 5 अप्रैल 2005 को करियर के महज पांचवें अंतरराष्ट्रीय मुकाबले ने धोनी ने विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के गेंदबाजों की ऐसी धुलाई कि रातों-रात वो स्टार बन गए। अपनी इस पारी के दौरान धोनी ने 15 चौक और 4 गगनचुंबी छक्क जड़े और 148 रन बनाए। यह उस वक्त भारत के लिए किसी भी खिलाड़ी द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सबसे बड़ी पारी थी।
- धोनी के बल्ले से साल 2005 में ही एक और धमाकेदार पारी निकली थी। ये पारी उन्होंने जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खेली थी। 31 अक्टूबर 2005 को धोनी ने श्रीलंका के चौकों छक्कों की बारिश करते हुए 183 रन बनाए थे। उनकी इस पारी को आज 15 साल बाद भी उनके फैंस बार-बार देखना पसंद करते हैं। इस पारी के दौरान उन्होंने 6 छक्के जड़े थे। ये आज भी वनडे क्रिकेट में उनके बल्ले से निकली सबसे बड़ी पारी है।
- साल 2011 के वनडे विश्वकप फाइनल का फाइनल मुकाबला कोई भी भारतीय क्रिकेट फैन कैसे भूल सकता है। इस मैच में धोनी टीम इंडिया की जीत के हीरो बने थे। सचिन, सहवाग और विराट के 100 रन के स्कोर से पहले आउट होने के बाद धोनी ने खुद फॉर्म में चल रहे युवराज से पहले बल्लेबाजी करने पहुंच गए और 91 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। उन्होंने एक शानदार व यादगार छक्के के साथ भारत को 28 साल बाद विश्व कप खिताब दिलाया था।
- साल 2012 में धोनी ने एक बार फिर बल्ले से पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार पारी चेन्नई में खेली थी। इस मैच में जुनैद खान और मोहम्मद हफीज ने खतरनाक गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया को 29 रन पर पांच विकेट पर ला पटका था। ऐसे में कप्तान धोनी ने सुरैश रैना के साथ मोर्चा संभालते हुए टीम को 6 विकेट पर 227 रन के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की थी। धोनी इस मैच में 125 गेंद में 113 रन बनाकर नाबाद रहे थे। इस पारी के दौरान उन्होंने 7 चौके और 3 छक्के जड़े थे। अंत में टीम इंडिया ने ये मैच गंवा दिया था लेकिन इस पारी को बतौर कप्तान धोनी की सर्वश्रेष्ठ पारियों में आज भी शुमार किया जाता है।
- साल 2011 में धोनी ने भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में शानदार जीत दिलाई थी। इस मैच में उन्होंने नाबाद 44 रन बनाए थे। पारी छोटी थी लेकिन इसका असर काफी बड़ा था।
माही के फैंस उनके हेलीकॉप्टर शॉट और उनके खेलने के अंदाज के दीवाने हैं। धोनी ने टीम इंडिया को खुशी के जितने पल दिए शायद ही उतने पल सचिन और विराट को छोड़कर और किसी खिलाड़ी ने दिए हैं। शुरुआत से ही धोनी के बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग के अंदाज पर सवाल उठाए गए लेकिन धोनी इस सबके बीच लगातार आगे बढ़ते गए और अपनी छाप प्रशंसकों के दिल में गहरी करते गए।