- अंतिम ओवर में जीत के लिए चेन्नई सुपर किंग्स को चाहिए थे 6 गेंद में 13 रन
- पहली गेंद पर टॉम कुरेन ने मोईन अली को आउट कर बढ़ा दी सीएसके के मुश्किल
- लेकिन कैप्टन कूल धोनी ने फिर बताया उन्हें यू हीं दुनिया का बेस्ट फिनिशर नहीं कहा जाता
दुबई: चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल में अपने दबदबे को बरकरार रखते हुए नौवीं बार फाइनल में जगह बना ली है। तीन बार की चैंपियन चेन्नई को फाइनल में पहुंचाने में एक बार फिर अहम योगदान महेंद्र सिंह धोनी ने अदा की। वो भी तब जब वो फॉर्म में नहीं हैं और उनके बल्ले से आसानी से रन नहीं निकल रहे हैं।
टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला सीएसके के कप्तान धोनी ने किया था। ऐसे में पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली ने पृथ्वी शॉ और कप्तान ऋषभ पंत की धमाकेदार अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 20 ओवर में 5 विकेट पर 172 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद जीत के लिए 173 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई ने 13.2 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 113 रन बना लिए थे। लेकिन उसके बाद विकेट गिरने का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ की पारी का आखिरी ओवर आते आते चेन्नई ने 4 और विकेट गंवा दिए।
आखिरी ओवर में चाहिए थे जीत के लिए 13 रन
जीत के लिए आखिरी ओवर में चेन्नई को 13 रन बनाने थे। मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी और उनका साथ देने के लिए मोईन अली थे। ऋषभ पंत ने 20वां ओवर फेंकने के लिए गेंद टॉम कुरेन के हाथों में थमा दी। कुरेन ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और पहली गेंद पर मोईन अली का विकेट चटकाकर एक बार फिर दिल्ली की जीत की आस जगा दी। लेकिन मोईन अली के आउट होने के बाद स्ट्राइक पर पहुंचे धोनी ने कुछ और थाम रखा था और धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए टीम को जीत दिला दी।
अंतिम ओवर का ऐसा था रोमांच....जानिए एक एक गेंद का हाल।
पहली गेंद: जीत के लिए 6 गेंद पर चेन्नई को चाहिए 13 रन, स्ट्राइक पर मोईन अली
टॉम कुरेन की पहली गेंद शॉर्ट फेंकी जो धीमी भी थी जिसे पुल करके मोईन अली ने मिड विकेट की दिशा में खेलने को कोशिश की लेकिन बाउंड्री पर खड़े कगिसो रबाडा ने कैच लपक लिया। इस तरह टॉम कुरेन ने दिल्ली को छठी सफलता दिला दी। लेकिन स्ट्राइक पर धोनी पहुंचे।
दूसरी गेंद: जीत के लिए 5 गेंद में चाहिए चेन्नई को 13 रन, स्ट्राइक पर धोनी
स्ट्राइक पर धोनी, टॉम कुरेन ने बैक ऑफ लेंथ गेंद ऑफ स्टंप के बाहर फेंकी, धोनी ने गेंद पर करारा प्रहार करते हुए उसे एक्स्ट्रा कवर की दिशा में चौके के लिए भेज दिया।
तीसरी गेंद: जीत के लिए 4 गेंद में चाहिए जीत के लिए 9 रन,स्ट्राइक पर धोनी
सामने की ओर धोनी शॉट खेलना चाहते थे, इन साइड एज लगा और गेंद विकेट के पीछे चार रन के लिए चली गई।
चौथी गेंद: जीत के लिए 3 गेंद में चाहिए जीत के लिए 5 रन, स्ट्राइक पर धोनी
व्हाइड बॉल, टॉम कुरेन ने व्हाइड यॉर्कर डालने की कोशिश की लेकिन धोनी अपनी जगह से नहीं हिले और अंपायर ने व्हाइड का इशारा किया। इसके साथ ही चेन्नई को एक रन और एक अतिरिक्त गेंद मिली।
चौथी गेंद: जीत के लिए 3 गेंद में को चाहिए चाहिए 4 रन, स्ट्राइक पर धोनी
धोनी ने ऑफ साइड शॉर्ट वाइड गेंद को पुल करके डीप स्कवैर लेग की दिशा में चौके के लिए पहुंचा दिया। चार विकेट से जीती चेन्नई सुपर किंग्स, नौवीं बार फाइनल में पहुंचे धोनी के सुपर किंग्स।
अंत में धोनी 6 गेंद में 18 रन बनाकर नाबाद रहे। अपनी पारी के दौरान उन्होंने एक छक्का और 2 चौके जड़े। धोनी ने इस पारी से बता दिया है कि भले ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है लेकिन वो क्रिकेट खेलना और मैच फिनिश करने का हुनर नहीं भूले हैं। वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर थे और हमेशा रहेंगे।