- पंजाब किंग्स के खिलाफ करारी हार के बाद मुश्किल हुई आरसीबी की प्लेऑफ की राह
- प्लेऑफ में पहुंचने के लिए आरसीबी को जीतना होगा गुजरात के खिलाफ आखिरी लीग मुकाबला
- अंत में नेट रन रेट करेगा प्लेऑफ में पहुंचने वाली टीमों के बारे में फैसला
मुंबई: फॉफ डुप्लेसी की कप्तानी में भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की किस्मत बदलती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ मुकाबले में 54 रन के बड़े अंतर से हार के बाद टॉप 4 में रहते हुए भी उसके लिए प्लेऑफ में पहुंचना एक मुश्किल चुनौती हो गई है। अबतक खेले 13 मैच में 7 जीत और 6 हार के बाद आरसीबी के खाते में 14 अंक हैं और वो अंक तालिका में चौथे पायदान पर काबिज है लेकिन पंजाब के खिलाफ मुकाबले में करारी हार के बाद आई गिरावट ने उसके लिए परेशानियां खड़ी कर दी है।
गुजरात के खिलाफ होगा करो या मरो का मुकाबला
ऐसे में प्लेऑफ में पहुंचने के लिए आरसीबी के सामने कुछ गणित के समीकरण आ खड़े हुए हैं। जिनसे पार पाकर ही आरसीबी प्लेऑफ में पहुंचने में सफल होगी। इस समीकरणों में सबसे अहम यह है कि उसे 19 मई को टेबल टॉपर गुजरात टाइटन्स के खिलाफ खेले जाने वाले मुकाबले में किसी भी सूरत में जीत हासिल करनी होगी। ऐसे में उसके खाते में 8 जीत के साथ 16 अंक हो जाएंगे और वो टॉप 4 में रहने की दावेदार तो हो जाएगी लेकिन किस्मत का फैसला नेट रन रेट पर निर्भर करेगा।
पंजाब के खिलाफ नेट रन रेट में आई है बड़ी गिरावट
पंजाब किंग्स के खिलाफ जीत के लिए 210 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए आरसीबी 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 155 रन बना सकी। ऐसे में 54 रन के बड़े अंतर से हार ने आरसीबी के नेट रन रेट को -0.120 से -0.323 पर ला पटका। ऐसे में बाकी बचे 10 मैच का रोमांच और बढ़ गया है। प्लेऑफ की दौड़ में शामिल सनराइजर्स हैदराबाद को छोड़कर अन्य सभी टीमों को 2-2 मैच और खेलने हैं। ऐसे में सभी मैचों की अहमियत बढ़ गई है। हार के साथ ही टीमों के नेट रन रेट में गिरावट आएगी वही जीत के साथ ही उछाल।
18 तारीख तक पहुच हद तक साफ हो जाएगी तस्वीर
19 तारीख को गुजरात टाइटन्स ने खिलाफ आरसीबी के मुकाबले से पहले बाकी बचे 10 में से 7 मैच खेले जा चुके होंगे और बहुत हद तक स्थिति भी स्पष्ट हो चुकी होगी। ऐसे में अगले 4 दिन में अन्य टीमों के प्रदर्शन पर नजर रखते हुए अपनी तैयारी और योजनाओं को नए ढंग से तैयार करने का अच्छा मौका है। अगर किस्मत ने आरसीबी का साथ दिया तो वो आंकड़ों की भूलभुलैया से निकलकर प्लेऑफ में पहुंचने में सफल रहेगी। नहीं तो आरसीबी के प्रशंसकों के हाथ एक बार फिर मायूसी लगेगी।