- बीसीसीआई को हो सकता है 2 हजार करोड़ का नुकसान
- बीसीसीआई खिलाड़ियों को देता है आय का 26 प्रतिशत
- बड़े खिलाड़ियों को हो सकता हो दोगुना नुकसान
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया से साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत 29 मार्च से आईपीएल 13 का आगाज होना था लेकिन भारत सरकार के आदेश और दिशानिर्देश के बाद इसके आयोजन की तारीख को 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था लेकिन 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के बाद भी स्थितियां सामान्य होने के बजाए और जटिल हो गई हैं ऐसे में आईपीएल के आयोजन की तारीख को अनिश्चितकाल के स्थगित करने की संभावना नजर आ रही है। ऐसे में रिपोर्ट्स आ रही हैं कि यदि आईपीएल 13 स्थगित होता है तो इसका असर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की तनख्वाह पर भी पड़ेगा। माना जा रहा है कि खिलाड़ियों की तनख्वाह में कटौती किए जाने की संभावना है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने मुंबई मिरर से बात करते हुए कहा कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए आईपीएल को मई तक रद्द किए जाने की संभावना है। इसके आयोजन के बारे में कोई भी निर्णय तभी लिया जा सकेगा जब स्थितियां स्पष्ट होंगी। सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई का मानना है कि यदि आईपीएल का आयोजन नहीं होता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट नहीं खेली जाती है तो बोर्ड को तकरीबन 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। ऐसे में बोर्ड के ऊपर पड़ने वाले वित्तीय बोझ का कुछ हिस्सा खिलाड़ियों के कंधों पर भी डाला जा सकता है।
ऐसा बीसीसीआई है का मॉडल
बीसीसीआई का रेवेन्यू मॉडल ऐसा है जिसमें आय का 26 प्रतिशत हिस्सा खिलाड़ियों को जाता है जिसमें से 13 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को और 13 प्रतिशत घरेलू खिलाड़ियों के हिस्से में जाता है। ऐसे में बीसीसीआई सूत्र ने कहा, यदि बोर्ड को आर्थिक नुकसान होता है तो बोर्ड के लिए काम करने वाले खिलाड़ियों की तनख्वाह पर भी इसका असर पड़ेगा। तनख्वाह में कटौती भी एक संभावना है।
बीसीसीआई हर साल खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध देता है जिसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी ए प्लस कैटेगरी में शामिल हैं जिन्हें 7 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। वहीं ए कैटेगरी में शामिल रविचंद्रन अश्निनस मोहम्मद शमी, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों को पांच करोड़ रुपये सालाना दिए जाते हैं। वहीं बी कैटेगरी में शामिल खिलाड़ियों को सालाना 3 करोड़ और सी कैटेगरी में शामिल खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये सालाना दिए जाते हैं। एमएस धोनी को नए अनुबंध सूची में शामिल नहीं किया गया था। वहीं कोच रवि शास्त्री को एक साल में 9 करोड़ रुपये तनख्वाह के रूप में मिलते हैं। इसके अलावा खिलाड़ियों को मैच फीस अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैच के लिए दी जाती है।
बड़े खिलाड़ियों को होगा दोगुना नुकसान
कुल मिलाकर देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को बीसीसीआई 150 करोड़, घरेलू खिलाड़ियों पर 70 करोड़ रुपये खर्च करता है। ऐसे में आईपीएल और इंटरनेशनल मैच नहीं होने की वजह से बोर्ड को वित्तीय नुकसान होगा ऐसे में अगर उन्हें पूर्व निर्धारित आधार पर पेमेंट किया जाता है तो उनकी लाभ में हिस्सेदारी बढ़ जाएगी। बड़े खिलाड़ियों पर इस कटौती की दोगुनी मार पड़ेगी। विराट, बुमराह, केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों को आईपीएल टीमों से 10 से 18 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। ऐसे में यदि आईपीएल नहीं होता है या छोटा होता है तो इसका असर पर भी खिलाड़ियों को पड़ेगा।