- कोविड खतरे के बीच सितंबर से आईपीएल-13 के शुरू होने की उम्मीद
- न्यूजीलैंड के बाद दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटरों को एनओसी मिलने की उम्मीद
- आईपीएल 2020 में दक्षिण अफ्रीका के 10 खिलाड़ी अपना जलवा बिखेरते हुए दिखेंगे
जोहानसबर्ग: जब से कोरोना वायरस महामारी फैली है, सभी क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए विदेश भेजने से पहले कम से कम दो बार सोचते हैं। जहां सिर्फ इंग्लैंड में इंटरनेशनल क्रिकेट की दोबारा शुरुआत हुई है, वहीं अन्य बोर्ड और लीग आयोजक दोबारा क्रिकेट शुरू कराने के बारे में विचार कर रहे हैं। इनमें से एक है इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)। आईपीएल के नए सीजन की शुरूआत सितंबर से हो सकती है।
आईपीएल के आयोजित करने पर सबसे बड़ी चुनौती विदेशी खिलाड़ियों की हिस्सेदारी है। भारत पर से विदेशी यात्रा पाबंदी अब तक हटी नहीं है। इस बात पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि डेविड वॉर्नर, एबी डिविलियर्स, बेन स्टोक्स जैसे दिग्गज खिलाड़ी इस लीग में हिस्सा लेंगे या नहीं। आईपीएल अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होना है, तो यह सिरदर्दी लगभग समाप्त हो चुकी है।
इस विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) के समान अपने खिलाड़ियों को नो ऑब्जेक्ट सर्टिफिकेट्स (एनओसी) देने की स्वीकृति देने का मन बना लिया है। एनओसी मिलने से दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी फ्रेंचाइजी लीग से जुड़ सकेंगे। सीएसए के मीडिया मैनेजर कोकेत्सो गोफेटोज ने कहा, 'क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका निश्चित ही इंडियन प्रीमियर लीग के लिए अपने खिलाड़ियों को एनओसी देगी।'
इस साल आईपीएल के मार्की खिलाड़ियों में एबी डिविलियर्स, क्विंटन डी कॉक, डेल स्टेन, कगिसो रबाडा शामिल हैं। वैसे, आईपीएल-13 सीजन के लिए अलग-अलग फ्रेंचाइजी के साथ 10 प्रोटियाज खिलाड़ियों का करार है। इनके नाम इस प्रकार हैं:
एबी डिविलियर्स (आरसीबी), क्रिस मॉरिस (आरसीबी), डेल स्टेन (आरसीबी), क्विंटन डी कॉक (मुंबई इंडियंस), फाफ डु प्लेसिस (सीएसके), इमरान ताहिर (सीएसके), लुंगी एनगिडी (सीएसके), कगिसो रबाडा (दिल्ली कैपिटल्स), हार्डस विलिजोएन (किंग्स इलेवन पंजाब) और डेविड मिलर (राजस्थान रॉयल्स)।
जहां आईपीएल के 13वें एडिशन का अस्थायी प्लान तैयार हो चुका है, वहीं बीसीसीआई को भारतीय सरकार के फैसले का इंतजार है कि वह लीग को यूएई में आयोजित करा रहा है। इस बीच अमीरात क्रिकेट बोर्ड फ्रेंचाइजी लीग आयोजित कराने पर ध्यान दे रही है। वह इससे पहले 2014 में आईपीएल की मेजबानी कर चुका है। बीसीसीआई ने यूएई को मेजबान के रूप में इसलिए चुना क्योंकि यह देश कोरोना वायरस को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा है। यूएई ने प्रस्ताव दिया था कि कुछ दर्शकों को मैदान में आने की अनुमति दी जाए, लेकिन बीसीसीआई ने इससे इंकार कर दिया।