- आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नहीं खेल पाने का फिर हो रहा है शाहिद अफरीदी को मलाल
- साल 2008 में आईपीएल में खेले थे कई बड़े पाकिस्तानी खिलाड़ी
- मुंबई आतंकी हमले रे बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने के बाद पाकिस्तानियों के आईपीएल में खेलने पर लग गया था प्रतिबंध
दुबई: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी को रह-रहकर आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नहीं खेल पाने का मलाल होता है। साल 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में भाग लेने का मौका मिला था।
उस साल आईपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों में शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर, मिस्बाह उल हक, युनिस खान, कामरान अकमल और सोहेल तनवीर जैसे कई दिग्गज पाकिस्तानी थे। लेकिन मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद परिस्थितियां पूरी तरह बदल गईं और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के आईपीएल में भाग लेने पर प्रतिबंध लग गया। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध बद से बदतर होते गए। हालांकि इस बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज तो खेली गई लेकिन आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों की वापसी नहीं हो सकी।
एक दशक से ज्यादा समय से पाकिस्तानी खिलाड़ियों को दुनिया की सबसे बेहतरीन और पैसे वाली क्रिकेट लीग में खेलने का मौका नहीं मिल सका है जहां दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी खेलते नजर आते हैं। ऐसे में जब यूएई में आईपीएल 2020 का आयोजन हो रहा है जो पाकिस्तानी टीम का पिछले कुछ सालों से घरेलू मैदान है तो पाकिस्तानियों की इस टूर्नामेंट में गैरमौजूदगी शाहिद अफरीदी को ज्यादा चुभ रही है।
पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर ने एक बार फिर आईपीएल के मायने और इसमें पाकिस्तानी खिलाड़ियों के गौरमौजूदगी को लेकर अपनी राय रखी है।अफरीदी ने अरब न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, आईपीएल बहुत बड़ा ब्रांड है। यदि इसमें बाबर आजम या अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ियों को दबाव में खेलने और भारतीय खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिलता। इस लिहाज से पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में नहीं खेल पाने की वजह से बड़ा मौका गंवा रहे हैं।
भारत में अफरीदी के बहुत सारे फैन हैं। इस बारे में उन्होंने कहा, नि: संदेह प्यार प्यार होता है। मुझे भारत में हमेशा क्रिकेट खेलने में जो मजा आया। मैंने वहां मिले प्यार और सम्मान की प्रशंसा की है मैं उसे कभी नहीं भूल सकता। लेकिन अब जब मैं सोशल मीडिया पर अपनी बात रखता हूं तो मुझे भारत से भी कई लोगों के जवाब मिलते हैं और मैं भी कुछ लोगों की बातों का जवाब देता हूं। कुल मिलाकर कहूं तो भारत को लेकर मेरा अनुभव अच्छा रहा है।