- रोजर बिन्नी ने कहा कि युवराज सिंह को बाहर करने का समय सही था
- युवराज सिंह 2012 के बाद से भारतीय टीम के अनियमित सदस्य बन गए थे
- युवराज सिंह ने जून 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह कई बार बीसीसीआई और चयनकर्ताओं पर अपनी भड़ास ये कहकर निकाल चुके हैं कि करियर के अंतिम समय में उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं हुआ। भारत के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह 2017 में यो-यो टेस्ट पास करने में कामयाब नहीं हुए थे और फिर जब उस टेस्ट को पास किया तो राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में नाकाम रहे। युवराज सिंह के मुताबिक करियर के अंतिम समय में उनके साथ बीसीसीआई का रवैया गैर पेशेवर था।
2012 से 2015 के बीच भारतीय चयन समिति का हिस्सा रहे रोजर बिन्नी ने युवराज सिंह के दावों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ऑलराउंडर को टीम से बाहर करने का समय बिलकुल सही था। 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे बिन्नी के मुताबिक एक खिलाड़ी की फिटनेस करियर के अंतिम पड़ाव में कम होती है और उससे उनके प्रदर्शन में गिरावट दर्ज होती है।
बिन्नी ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत करते हुए कहा, 'आपके करियर के अंतिम समय में जब आप आखिरी सालों में खेल रहे होते हो, तो आप पहले जैसे नहीं रह जाते। आपका फिटनेस स्तर गिरता है। आप पहले के जैसे दमदार प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि युवराज को लगा होगा कि वह कुछ ज्यादा समय क्रिकेट खेल सकते थे। मेरे ख्याल में युवी काफी प्रतिभाशाली थे और अपने युग में विश्व क्रिकेट में वह गेंद पर सबसे बेहतर तरीके से प्रहार करने वाले बल्लेबाजों में से एक थे। तो उनका करियर शानदार रहा और मेरा मानना है कि सही समय पर उन्हें बाहर किया गया और युवा को शामिल किया गया।'
कैंसर के बाद बदली युवी की जिंदगी
युवराज सिंह एक समय टीम इंडिया के नियमित सदस्य थे। 2011 विश्व कप के बाद उन्होंने कैंसर को मात दी और मैदान पर वापसी की। 2012 में वह टीम इंडिया से अपनी जगह गंवा चुके थे। हालांकि, टी20 इंटरनेशनल टीम में उनकी जगह बनी रही। युवराज सिंह दिसंबर 2013 से जनवरी 2017 तक भारतीय वनडे टीम का हिस्सा नहीं थे। अनुभवी क्रिकेटर ने 2015 विश्व कप से पहले रणजी ट्रॉफी में एक के बाद एक लगातार तीन शतक जमाए, लेकिन फिर भी राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में नाकाम रहे।
युवराज सिंह का भारतीय टीम के लिए आखिरी मुकाबला 2017 में रहा। वह अगले दो साल घरेलू क्रिकेट खेलते रहे, लेकिन आईपीएल 2019 के बाद संन्यास लेने का मन बनाया। उस सीजन में मुंबई इंडियंस की तरफ से उन्हें केवल चार मैच खेलने को मिले थे। युवराज सिंह अब फ्रेंचाइजी क्रिकेट में सक्रिय हैं जबकि बिन्नी कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के अध्यक्ष हैं।