- कुलदीप यादव ने अपने दिल का दर्द बयां किया
- कुलदीप को आईपीएल में केकेआर ने खेलने का मौका नहीं दिया
- कुलदीप यादव को करीब 16 महीने से टी20 टीम से बाहर हैं
नई दिल्ली: भारतीय टीम के चाइनामैन कुलदीप यादव ने खुलासा किया कि लगातार बेंच गर्म करने से उनके विश्वास में कितनी कमी आई है। 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस्तक देने वाले बाएं हाथ के स्पिनर ने तीनों प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, पिछले करीब एक साल से, वह मौका पाने को तरस रहे हैं। कुलदीप यादव की पिछली साल टेस्ट क्रिकेट में वापसी हुई, जो करीब दो साल बाद हुई थी।
जो रूट के नेतृत्व वाली इंग्लैंड के खिलाफ कुलदीप यादव ने दो विकेट झटके, लेकिन अहमदाबाद में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला, जहां स्पिनर्स को पिच से मदद मिलती दिखाई दी। पुणे में पहले दो वनडे में एक भी विकेट नहीं ले पाए कुलदीप यादव को फिर टीम से बाहर कर दिया गया। बड़ी बात यह है कि कुलदीप यादव ने भारतीय टीम के लिए करीब 16 महीने से कोई टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है।
मैं हैरान था, लेकिन कुछ कर नहीं सकता: कुलदीप यादव
कुलदीप यादव के हवाले से न्यूज 18 ने कहा, 'जब आप लगातार खेल रहे होते हो तो खिलाड़ियों को एहसास होता है कि उनका विश्वास बढ़ा हुआ है। जो जितना ज्यादा बाहर बैठता है, उसके लिए उतनी ही मुश्किल बढ़ती जाती है। जब इस साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ मैंने टेस्ट मैच खेला तो मुझे अपने ऊपर काफी दबाव महसूस हुआ। कोविड के कारण कुछ हो नहीं रहा था, तो पिछले साल की तुलना में चीजें ज्यादा मुश्किल लग रही थीं।'
चाइनामैन ने आगे कहा, 'मुझे दबाव महसूस हुआ। कभी तो लगा कि क्या चल रहा है? वो कड़ा समय था। कभी दिमाग में आता है- अब शायद वो कुलदीप नहीं रहे। ऐसे दिन थे जब आपको महसूस हुआ कि पानी पिलाना और बेंच पर बैठना सही है और फिर ऐसे दिन आते हैं जब लगता है कि आपको उस जगह नहीं होना चाहिए।'
आईपीएल में मौके को तरसा चाइनामैन
कुलदीप यादव को तब जोरदार झटका लगा जब आईपीएल 2021 में उन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। 26 साल के कुलदीप तब दंग रह गए जब उन्हें चेन्नई में एक भी मौका नहीं मिला, जबकि यहां की पिच पर स्पिनर्स का बोलबाला रहा।
बाएं हाथ के स्पिनर ने कहा, 'मुझे तब सबसे बुरा लगा जब अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स में मौका नहीं मिला। मुझे लगने लगा कि क्या मैं इतना खराब हूं? यह टीम प्रबंधन का फैसला है और यह गलत भी हो सकता है और उनसे पूछ सकता हूं। मुझे आईपीएल में चेन्नई में भी मौका नहीं मिला, जबकि यहां की पिच स्पिनरों के लिए मददगार थी। मैं हैरान था, लेकिन कुछ कर नहीं सकता था।'
केकेआर ने अपने स्पिन विभाग में सुनील नरेन, शाकिब अल हसन और वरुण चक्रवर्ती को प्राथमिकता दी। कुलदीप यादव ने 2016 में आईपीएल डेब्यू किया था, जहां उन्होंने तीन मैचों में 6 विकेट चटकाए थे। 2017 और 2018 में उन्होंने कुल 28 मैचों में 29 विकेट लिए थे। हालांकि, 2019 और 2020 में वह 14 मैचों में केवल पांच विकेट ले पाए, जिसके बाद उनकी जगह खतरे में पड़ी।